चंडीगढ़, 13 मार्च (ट्रिन्यू)
हरियाणा विधानसभा के चालू बजट सत्र के दौरान सोमवार को राज्य की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार हरियाणा संक्षिप्त नाम संशोधन विधेयक-2021 पेश कर सकती है। यह विधेयक पारित होने के बाद हरियाणा में लागू पंजाब के समय के 154 कानूनों से पंजाब शब्द हटकर हरियाणा जुड़ जाएगा। नौ कानून फिर भी ऐसे रहेंगे, जिनसे पंजाब का नाम नहीं हटेगा। संसदीय कार्यमंत्री कंवर पाल गुर्जर यह विधेयक पेश करेंगे। पिछले साल विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने इस मुद्दे को उठाया था। स्पीकर के आदेशों पर ही इसके लिए एलआर की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया है। इसमें चार अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे। इस कमेटी की सिफारिशों को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी मंजूरी दे चुके हैं। ऐसे में अब सोमवार को विधेयक पेश होने के बाद 154 कानूनों से पंजाब का नाम हट जाएगा। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के अधिवक्ता हेमंत कुमार का कहना है कि लगभग 54 साल पहले भारतीय संसद द्वारा सितंबर-1966 में बनाए गए पंजाब पुनर्गठन अधिनियम-1966 को पहली नवंबर, 1966 से लागू किया था। इसी दिन हरियाणा देश के 17वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया।
उसके बाद से पंजाब के समय के कानून राज्य में चल रहे हैं। बेशक, इस दौरान कई बार राज्य सरकार ने इन कानूनों में कई बार संशोधन भी किया है, लेकिन अधिकांश कानूनों के आगे पंजाब शब्द का इस्तेमाल है। कानूनों ने पंजाब शब्द हटाने की कोशिश भूतपूर्व मुख्यमंत्री स्व़ चौ़ बंसीलाल के समय भी हुई थी।