पलवल, 23 अगस्त (हप्र)
बर्खास्त पीटीआई ने नयी भर्ती के लिए रविवार को हुए टेस्ट का बहिष्कार कर जनता की अदालत में जाने और सरकार की नीतियों की पोल खोल अभियान चलाने का फैसला लिया है। आंदोलन के निर्णयानुसार बर्खास्त पीटीआई सभी गांवों, शहरों एवं कस्बों में जन सभाओं का आयोजन किया जाएगा जिसकी शुरुआत बरोदा विधानसभा हलके से की जाएगी। यह निर्णय रविवार को हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति के प्रधान धर्मेंद्र पहलवान की अध्यक्षता में बर्खास्त पीटीआई की अलावलपुर (पलवल) की राधिका वाटिका में आयोजित राज्य स्तरीय आम सभा में लिया गया।
इस पोल खोल अभियान में प्रदेश के सभी कर्मचारी, मजदूर, किसानों, नौजवानों, छात्रों व महिला संगठनों के सहयोग एवं समर्थन लिया जाएगा। आम सभा में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने शामिल होकर प्रदेश के सभी विभागों के कर्मचारियों की और से आंदोलन व नौकरी बहाली की मांग का पुरजोर समर्थन करने की घोषणा की। उन्होंने इस अवसर आशा वर्करों की हड़ताल का बातचीत से मांगों का समाधान कर हड़ताल को समाप्त करवाने और बर्खास्त पीटीआई की सेवाएं बहाल करने को लेकर 25 अगस्त को जिला मुख्यालयों पर प्रर्दशन करने का ऐलान किया। शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति के प्रधान धर्मेंद्र पहलवान, वरिष्ठ उपाध्यक्ष वजीर गागौली और कोषाध्यक्ष प्रदीप यादव ने बताया कि सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में रिक्त पदों बाबत मांगी गई गलत जानकारी देने की वजह से बर्खास्त पीटीआई 2 महीने से ज्यादा समय से आंदोलन करने पर मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के सभी हथकंडों व तिकड़मों के बावजूद बर्खास्त पीटीआई के हौसले बुलंद हैं और जब तक नौकरी बहाल नहीं होगी, आन्दोलन जारी रहेगा। उन्होंने दावा किया की सरकार की सभी तिकड़मों के बावजूद रविवार को को नई भर्ती के लिए लिए गए टेस्ट का 95 प्रतिशत से अधिक बर्खास्त पीटीआई ने बहिष्कार किया है।
आम सभा में पीटीआई संघर्ष समिति के नेता बृजेश नागर, सत्यनारायण, रविन्द्र बरानी, सज्जन सिंह, दिलबाग जाखड़, संतोष चपराना, जोगेंद्र डागर, रमेश कुमार, राजेश शर्मा, सतीश शर्मा आदि मौजूद रहे।