चंडीगढ़, 22 अगस्त (ट्रिन्यू)
हरियाणा में साप्ताहिक यानी शनिवार व रविवार के लॉकडाउन का पीटीआई शिक्षकों की लिखित परीक्षा पर प्रभाव नहीं पड़ेगा। पीटीआई की लिखित परीक्षा रविवार को नियमित समय पर होगी। राज्य के पांच जिलों – कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत, कैथल व हिसार में परीक्षा के लिए कुल 95 एग्जाम सेंटर बनाए गए हैं। कुल 9723 अभ्यर्थियों को हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने एडमिट कार्ड जारी किए हैं। वहीं दूसरी ओर, 1983 बर्खास्त पीटीआई ने इस परीक्षा का बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया है। सरकार की ओर से दो दिनों के लॉकडाउन के ऐलान के बाद राज्य में गफलत की स्थिति पैदा हो गई थी। इसी के चलते हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन भारत भूषण भारती ने फिर से एग्जाम शैड्यूल जारी किया है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि 30 जुलाई को जारी शैड्यूल के हिसाब से ही 23 अगस्त को पीटीआई परीक्षा होगी।
शुक्रवार से सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों को खारिज करते हुए भारती ने कहा कि शनिवार-रविवार को सभी सरकारी व प्राइवेट कार्यालय व प्रतिष्ठान बंद होने के सरकारी आदेश के बाद गफलत की स्थिति पैदा हो गई थी। इसलिए परीक्षा का शैड्यूल शनिवार को दोबारा से जारी किया गया है। परीक्षा केंद्रों पर सुबह 11 बजे से 12.30 तक अभ्यर्थियों को प्रवेश मिलेगा। दोपहर 1 बजे लिखित परीक्षा शुरू होगी। परीक्षा 2:15 बजे खत्म होगी। एचएसएससी 28 दिसंबर 2006 को जारी विज्ञापन और अधिसूचना के तहत भर्ती प्रक्रिया को पूरा करेगा और इसके तहत 200 अंकों की लिखित परीक्षा होगी। इसमें वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाएंगे, जबकि 25 अंकों का साक्षात्कार होगा। परीक्षा को लेकर पुलिस भी मुस्तैद हो गई है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बेरोजगार हुए पीटीआई लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इनके धरने-प्रदर्शनों का विपक्षी राजनीतिक दलों द्वारा समर्थन किया जा रहा है। सीआईडी ने रविवार को होने वाली परीक्षा के मद्देनजर किसी प्रकार की अप्रिय घटना की आशंका का इनपुट दिया है। पांचों जिलों में पुलिस भी मुस्तैद हो गई है। परीक्षा केंद्रों के बाहर शनिवार से ही पुलिस की गश्त शुरू हो गई है।
बहिष्कार के निर्णय पर डटे
शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति के प्रधान धर्मेंद्र पहलवान, वरिष्ठ उपाध्यक्ष वजीर गागौल व पूर्व प्रधान गुरदेव सिंह ने कहा कि बर्खास्त पीटीआई इस परीक्षा का बहिष्कार करेंगे। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में 38 पीटीआई की अकाल मृत्यु हो चुकी है। इन परिवारों को मिलने वाली आर्थिक मदद भी सरकार बंद कर चुकी है। 25 बर्खास्त महिला पीटीआई हैं, जिनके पति अब दुनिया में नहीं हैं। नौकरी जाने के बाद उनका मानसिक संतुलन डगमगाया हुआ है। वे भी टेस्ट देने की स्थिति में नहीं हैं। समिति ने उनका दुःख देखते हुए रविवार को आयोजित टेस्ट का बहिष्कार करने का फैसला लिया है। सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में रिक्त पदों बाबत गलत जानकारी देने की वजह से बर्खास्त पीटीआई दो महीने से ज्यादा समय से सड़कों पर आंदोलन को मजबूर हैं।
कर्मचारी संघ ने दिया आंदोलन को समर्थन
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने बर्खास्त पीटीआई के आंदोलन का समर्थन किया है। प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व महासचिव सतीश सेठी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 8 अप्रैल के फैसले में सरकार को लाॅकडाउन खत्म होने के बाद नई भर्ती की प्रक्रिया शुरू करने के आदेश दिए थे। लाॅकडाउन खत्म होने से पहले ही 15 मई को हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने नई भर्ती के विज्ञापन जारी कर दिए। शनिवार व रविवार को प्रदेश में लाॅकडाउन घोषित किया गया है, लेकिन शारीरिक दूरी के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए सरकार 23 अगस्त को नई भर्ती के लिए टेस्ट लेने पर आमादा है।