चंडीगढ़, 30 नवंबर (ट्रिन्यू)
सर्व कर्मचारी संघ से संबंधित हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन का एक शिष्टमंडल कर्मचारियों की लंबित मांगों को लेकर महानिदेशक से उनके चंडीगढ़ स्थित कार्यालय में मिला। वार्ता में रोडवेज कर्मचारियों की कुछ मांगों पर सहमति तो बनी लेकिन नीतिगत मांगों को सरकार के स्तर की बता कर पल्ला झाड़ लिया। अब 5 दिसम्बर को रोहतक में यूनियन की रास्यस्तरीय बैठक में महानिदेशक से हुई बातचीत की समीक्षा की जाएगी। बैठक में महानिदेशक वीरेंद्र दहिया व उच्च अधिकारियों के अलावा यूनियन के राज्य प्रधान इंद्र सिंह बधाना, महासचिव सरबत सिंह पूनिया, वरिष्ठ उपप्रधान नरेंद्र दिनोद, मुख्य संगठक सचिव बिजेंद्र अहलावत, कोषाध्यक्ष राजपाल, उप महासचिव नवीन राणा, मुख्य सलाहकार राम आसरे यादव, प्रेस प्रवक्ता श्रवण जांगड़ा, उप प्रधान रमेश श्योकन्द व सूबे सिंह धनाणा शामिल थे। राज्य प्रधान इंद्र सिंह बधाना व महासचिव सरबत सिंह पूनिया ने बताया कि परिचालकों का वेतनमान अपग्रेड करने के लिए यूनियन के प्रस्ताव को वेतन विसंगति कमेटी को भेजने, जोखिम भत्ता का प्रस्ताव सरकार को भेजने, कर्मचारियों के साथ अप्रिय घटना होने पर जिन कर्मचारियों के खाते एसबीआई, एचडीएफसी, पीएनबी व हरकों बैंक में है, उनके परिवार को 30 लाख रुपए देने का प्रावधान किया है। वहीं, महानिदेशक ने कहा कि ओवरटाइम बंद करने का फैसला नहीं है बल्कि विभाग में बसें कम होने से स्टाफ ज्यादा है, इसलिए ओवरटाइम देने की बजाय 1,200 किलोमीटर तय करने व 48 घंटे ड्यूटी का फार्मूला लागू किया है। उन्होंने ओवरटाइम पॉलिसी दोबारा बनाने का वायदा किया है। हैड वैल्डर व हैड ब्लैक स्मिथ की प्रमोशन की जाएगी। महानिदेशक ने वर्ष 2017-18 व 2018-19 के बोनस की फाइल जल्द भेजने का आश्वासन दिया है। उन्होंने तबादला नीति में संशोधन कर 3 डिपो का विकल्प लेकर नजदीक के डिपो में तबादला करने का आश्वासन दिया है। इसके अलावा एचआरईसी गुरुग्राम में कर्मचारियों को समय पर बकाया वेतन देने के आश्वासन के अलावा मेडिकल बिलों के भुगतान व अन्य खर्च के लिए सरकार से विशेष पैकेज मांगने का प्रस्ताव भेजने का भी आश्वासन दिया है।
अम्बाला डिपो में आंदोलन के दौरान मृतक परिचालक जयभगवान के परिवार को 5 लाख मुआवजा देने का आश्वासन दिया है। फतेहाबाद व पानीपत डिपो में हटाये गए चौकीदार व सफाई कर्मचारियों को पुनः ड्यूटी पर लेने बारे संबंधित आदेश महाप्रबंधक को दिया गया है।
‘बसें बढ़ाने पर गंभीर नहीं सरकार’
कर्मचारी नेताओं ने बताया कि विभाग में किलोमीटर स्कीम रद्द करने, निजीकरण पर रोक लगाने व विभाग में बढ़ती आबादी व जरूरत के अनुसार सरकारी बसें करने के प्रति सरकार गंभीर नहीं है। जबकि 4200 से घटकर 2989 बसें रह गई है। महानिदेशक ने कहा 809 बसें खरीदने के आदेश दिए गए हैं। बसें कम होने से स्टाफ सरप्लस घोषित किया जा रहा है।