गुरुग्राम, 19 जून (हप्र)
निजी स्कूलों ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) द्वारा 12वीं कक्षा के परिणामों के लिए निर्धारित फार्मूले पर सवाल उठाए हैं। निजी स्कूलों का मानना है कि यह फार्मूला पूरी तरह से तर्कहीन है, क्योंकि 10वीं और 12वीं का न सिर्फ सिलेबस अलग होता है बल्कि विद्यार्थियों का मानसिक स्तर भी बदल जाता है।
हरियाणा शिक्षण संस्थान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष यशपाल यादव का कहना है कि सीबीएसई ने 12वीं कक्षा का रिजल्ट तैयार करने 30+ 30+ 40 फार्मूले से सिर्फ विद्यार्थियों को नुकसान ही होगा।11वीं कक्षा नॉन बोर्ड कक्षा होती है उसमें बच्चे रिलेक्स मोड में होते हैं तथा पढ़ाई को लेकर गंभीर नहीं होते हैं। अतः उन्हें अच्छे अंक प्राप्त नहीं हो पाते। ऐसे में ग्यारहवीं के अंकों का 30 समायोजन 12वीं कक्षा में करना गलत होगा। इससे औसत बच्चे अच्छे अंक लेकर नहीं आ पाएंगे। उन्होंने सुझाव दिया कि केवल 12वीं के एग्जाम तथा प्री-बोर्ड एग्जाम व यूनिट टेस्टो को आधार मानते हुए रिजल्ट बने।