चंडीगढ़, 26 अप्रैल (ट्रिन्यू)
कालका से विधायक रहे प्रदीप चौधरी ने अपनी विधानसभा सदस्यता बहाल करवाने के लिए स्पीकर की कोर्ट में याचिका दायर कर दी है। अपने आवेदन के साथ उन्होंने हिमाचल हाईकोर्ट के उस फैसले की सत्यापित कॉपी भी स्पीकर को सौंपी है, जिसमें उनकी सजा पर रोक लगाई गई है। नालागढ़ (सोलन) कोर्ट ने सड़क जाम करने व सरकारी कार्य में बाधा डालने के एक मामले में उन्हें 3 साल की सजा सुनाई थी।
इसी साल 30 जून को नालागढ़ कोर्ट का फैसला आया था। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने कोर्ट के फैसले को आधार बनाते हुए 31 जनवरी को प्रदीप चौधरी की विधानसभा सदस्यता रद्द करने के आदेश जारी कर दिए थे। इसी दिन इसका नोटिफिकेशन भी जारी हो गया और चुनाव आयोग को भी कालका सीट रिक्त होने की सूचना दे दी गई। 2019 के विधानसभा चुनावों में प्रदीप ने कांग्रेस टिकट पर कालका हलके से जीत हासिल की थी।
इससे पहले व इनेलो टिकट पर भी कालका से विधायक रह चुके हैं। प्रदीप ने कोर्ट के फैसले को सेशन कोर्ट में चुनौती दी हुई है। वे हिमाचल हाईकोर्ट में भी इस केस को लेकर गए। पिछले दिनों हाईकोर्ट ने प्रदीप चौधरी की सजा पर स्थगन आदेश जारी किए। शुक्रवार को प्रदीप चौधरी को हाईकोर्ट के आदेशों की सर्टिफाइड कॉपी मिली। वे सोमवार को स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता से उनके कार्यालय में मिले।
कानूनी राय के बाद होगा फैसला
प्रदीप चौधरी ने हाईकोर्ट द्वारा सजा पर रोक लगाए जाने के आदेशों की कॉपी स्पीकर को सौंपी है। साथ ही, अपने आवेदन में मांग की है कि उनकी विधानसभा सदस्यता बहाल की जाए। इस मामले में स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा, ‘प्रदीप चौधरी की अपी मुझे मिल गई है। हाईकोर्ट के आदेशों की सर्टिफाइड कॉपी भी मिल गई है। इस मामले में कानूनी राय लेने के बाद फैसला लिया जाएगा’।