प्रदीप साहू/निस
चरखी दादरी, 24 अगस्त
ट्रक ड्राइवर की बेटी ने चंद्रयान-3 की सफलता में अहम भूमिका निभाते हुए साबित कर दिया है कि बेटियां किसी से पीछे नहीं रहती। चंद्रयान-2 टीम की सदस्य रही इसरो की वैज्ञानिक कविता ने परिजनों के समक्ष चंद्रयान-3 की कामयाबी पर अपने कार्य को साझा करते हुए ऐतिहासिक बताया।
इसरो में टेक्नीकल टीम की सदस्य कविता की उपलब्धि पर परिजनों ने मिठाइयां बांटकर खुशियां मनाई और देश के ऐतिहासिक रिकॉर्ड में बेटी के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। चरखी दादरी के गांव कलियाणा निवासी ट्रक ड्राइवर नरेश कुमार की तीसरे नंबर की बेटी कविता ने वर्ष 2019 में चंद्रयान-2 की टीम सदस्य के रूप में कार्य किया था और असफलता के बाद भी हिम्मत नहीं हारी। चंद्रयान-3 की टीम सदस्य कविता ने टीम लीडर के साथ ऐतिहासिक पल परिजनों से भी साझा किए।
इसरो में तैनात हैं कविता
इसरो वैज्ञानिक कविता के पिता नरेश कुमार व माता कमलेश ने बताया कि कविता इसरो के बेंगलुरु सेंटर में बतौर वैज्ञानिक के तौर पर तैनात हैं। उन्होंने कभी बेटियों को भार नहीं समझा और अपनी चारों बेटियों के अलावा बेटा को शिक्षा दिलाने के लिए हर संभव मेहनत की। वर्ष 2017 में कविता का सेलेक्शन इसरो में हुआ और बेटी ने टेक्नीकल टीम की सदस्य के रूप में कार्य करते हुए देश को गाैरव दिलाने पर सीना गर्व से फूल गया। कविता के भाई सचिन ने बताया कि कविता ने इसरो में चंद्रयान-2 की सदस्य के रूप में कार्य किया था, असफलता के बाद भी बहन व टीम ने हिम्मत नहीं हारी। अब चंद्रयान-3 में बहन ने अपनी विशेष भूमिका निभाकर देश का नाम रोशन कर दिया है।