रोहतक, 26 अप्रैल (निस)
पीजीआई में कोरोना संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से खराब हो गई हैं। स्थिति यह है कि देर रात आक्सीजन की कमी के चलते पीजीआई प्रबंधन ने नए मरीजों की भर्ती पर रोक लगा दी थी। रात भर तीमारदार मरीजों को भर्ती कराने के लिए भटकते रहे। किसी ने निजी अस्पताल के बाहर तो किसी ने पीजीआई के बाहर रात गुजारी। मामला स्वास्थ्य मंत्री तक पहुंचा तो उन्होंने तुंरत अधिकारियों से बातचीत की। साथ ही मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर पीजीआई प्रबंधन ने सुबह करीब 11 बजे फिर से कोरोना मरीजों की भर्ती शुरू की। हालांकि अभी भी हालात काबू में नहीं है। यहां तक कि शवों के संस्कार के लिए भी दूसरे दिन नंबर आ रहा है। पीजीआई में लगातार मृतकों की संख्या बढ़ रही है। ऐसा कोई दिन नहीं बीत रहा है, जिस दिन बीस से अधिक शवों का संस्कार कोरोना प्रोटोकॉल के तहत न होता हो।
नहीं आने दी जाएगी दिक्कत : कुलपति
पीजीआई कुलपति ने आज पूरा दिन प्रबंधन अधिकारियों के साथ बैठक कर व्यवस्थाओं की समीक्षा की और आश्वासन दिया कि मरीजों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होने दी जाएगी। पीजीआई में इस वक्त न बेड है और न ही आक्सीजन की समुचित व्यवस्था है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पीजीआई में दौरा करने के बाद स्थिति में कुछ सुधार आया और आक्सीजन सप्लाई भी पीजीआई पहुंची है। इस वक्त जो हालात हैं शहर के किसी भी निजी अस्पताल में एक बेड तक खाली नहीं है और इसके अलावा पीजीआई में भी व्यवस्था बिगड़ चुकी है। पीजीआई में बेड न होने के कारण स्टेचर पर ही मरीजों का ईलाज हो रहा है। सरकारी आंकडों के अनुसार अब तक जिले में 176 मरीजों की मौत हुई है, जबकि हर रोज शहर के श्याम घाट में 20 से अधिक शवों का दाह संस्कार कोरोना प्रोटोकॉल के अनुसार हो रहा है।