Tribune
PT
Subscribe To Print Edition About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

पाल गडरिया समाज के लोगों ने सरकार के प्रति जताया रोष

सरकार ने पूरा नहीं किया वादा, न ही गडरिया समाज को एससी में किया शामिल

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
कुरुक्षेत्र की पाल गडरिया धर्मशाला में सोमवार को आयोजित सम्मेलन के मंच पर बैठे गणमान्य लोग। -हप्र
Advertisement

कुरुक्षेत्र, 15 जनवरी (हप्र)

समाज की मांगों को न माने जाने को लेकर पाल गडरिया समाज के लोगों ने सरकार के प्रति काफी रोष जताया।

Advertisement

कल यहां पाल गडरिया धर्मशाला में आयोजित जागृति सम्मेलन में गडरिया समाज के नेताओं ने चेतावनी भी दी कि यदि समय रहते सरकार ने उनकी मांगें, विशेष रूप से एससी में शामिल करने की मांग को लागू नहीं किया तो आने वाले चुनाव में इसका खमियाजा भुगतना पड़ेगा।

Advertisement

उनकी मांग है कि पाल, बघेल, गडरिया समाज के लोगों को एससी श्रेणी में शामिल किया जाए। इस अवसर पर समाज के लोगों ने सरकार के प्रति रोष प्रदर्शन भी किया। धर्मशाला के प्रधान शमशेर बड़थल ने कहा कि गड़रिया समाज के लोगों में हरियाणा सरकार की वादाखिलाफी के प्रति भारी आक्रोश है। भाजपा के तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष रामबिलास शर्मा ने साल 2014 के अपने चुनावी मैनिफेस्टो में पाल गडरिया समाज को अनुसूचित जाति में शामिल करने का वादा किया था, लेकिन आज 10 साल बीत जाने के बाद भी हरियाणा में भाजपा सरकार ने इस समाज के लिए कुछ नहीं किया।

5 जुलाई, 2020 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पाल गडरिया समाज को अनुसूचित जाति में शामिल करने की घोषणा की और 7 जुलाई, 2020 को एससी के सर्टिफिकेट बनाने के लिए अधिसूचना जारी कर दी, लेकिन इस अधिसूचना पर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने रोक लगा दी। उन्होंने आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार ने आज तक कोई उचित कानूनी पैरवी नहीं की। समाज के अग्रणी रमेश व चंदगी राम ने कहा कि पिछले 9 सालों से भाजपा ने समाज का कोई भी बड़ा कार्य नहीं किया और न ही एससी में शामिल किया।

उन्होंने मांग की है कि सरकार समाज की मांगों की ओर गौर करे। उन्होंने बताया कि हरियाणा में पाल गडरिया समाज की कुल जनसंख्या 15 लाख से अधिक है जबकि राजनैतिक भागीदारी शून्य के बराबर है। हरियाणा में गडरिया समाज का न कोई एमएलए है और न एमपी है। यहां तक की कोई किसी बोर्ड का चेयरमैन भी नहीं है।

Advertisement
×