पाल गडरिया समाज के लोगों ने सरकार के प्रति जताया रोष
सरकार ने पूरा नहीं किया वादा, न ही गडरिया समाज को एससी में किया शामिल
कुरुक्षेत्र, 15 जनवरी (हप्र)
समाज की मांगों को न माने जाने को लेकर पाल गडरिया समाज के लोगों ने सरकार के प्रति काफी रोष जताया।
कल यहां पाल गडरिया धर्मशाला में आयोजित जागृति सम्मेलन में गडरिया समाज के नेताओं ने चेतावनी भी दी कि यदि समय रहते सरकार ने उनकी मांगें, विशेष रूप से एससी में शामिल करने की मांग को लागू नहीं किया तो आने वाले चुनाव में इसका खमियाजा भुगतना पड़ेगा।
उनकी मांग है कि पाल, बघेल, गडरिया समाज के लोगों को एससी श्रेणी में शामिल किया जाए। इस अवसर पर समाज के लोगों ने सरकार के प्रति रोष प्रदर्शन भी किया। धर्मशाला के प्रधान शमशेर बड़थल ने कहा कि गड़रिया समाज के लोगों में हरियाणा सरकार की वादाखिलाफी के प्रति भारी आक्रोश है। भाजपा के तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष रामबिलास शर्मा ने साल 2014 के अपने चुनावी मैनिफेस्टो में पाल गडरिया समाज को अनुसूचित जाति में शामिल करने का वादा किया था, लेकिन आज 10 साल बीत जाने के बाद भी हरियाणा में भाजपा सरकार ने इस समाज के लिए कुछ नहीं किया।
5 जुलाई, 2020 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पाल गडरिया समाज को अनुसूचित जाति में शामिल करने की घोषणा की और 7 जुलाई, 2020 को एससी के सर्टिफिकेट बनाने के लिए अधिसूचना जारी कर दी, लेकिन इस अधिसूचना पर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने रोक लगा दी। उन्होंने आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार ने आज तक कोई उचित कानूनी पैरवी नहीं की। समाज के अग्रणी रमेश व चंदगी राम ने कहा कि पिछले 9 सालों से भाजपा ने समाज का कोई भी बड़ा कार्य नहीं किया और न ही एससी में शामिल किया।
उन्होंने मांग की है कि सरकार समाज की मांगों की ओर गौर करे। उन्होंने बताया कि हरियाणा में पाल गडरिया समाज की कुल जनसंख्या 15 लाख से अधिक है जबकि राजनैतिक भागीदारी शून्य के बराबर है। हरियाणा में गडरिया समाज का न कोई एमएलए है और न एमपी है। यहां तक की कोई किसी बोर्ड का चेयरमैन भी नहीं है।

