कलायत, 6 जून (निस)
लगभग 5 हजार की आबादी वाले उपमंडल के गांव बड़सीकरी कला में स्वच्छ पेयजल आपूर्ति के लिए करोड़ों रुपए की लागत से बनाई गई नहरी पेयजल परियोजना मात्र दिखावा बनकर रह गई है।
लंबे समय से गांव में बनाई गई नहरी पेयजल सप्लाई परियोजना का लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है, जिसके कारण गांव के लोग नलकूपों से पानी भरने को मजबूर हैं। बड़सीकरी कला निवासी पंचायत सदस्य चंद्रपाल, अमित कुमार, राजेश, सुनील व दूसरे ग्रामीणों ने बताया कि जलघर में जल भंडारण के लिए में बनाए गए टैंक गंदगी से अटे हुए हैं।
पानी साफ करने वाले तीन में से दो फिल्टर काम ही नहीं कर रहे हैं। जो एक फिल्टर से पानी साफ करके पानी सप्लाई किया जाता है, वह इतना गंदा और बदबूदार है कि उसे पीना तो दूर बर्तन व कपड़े भी नहीं धोए जा सकते और करीब 5 दशक पहले बनाई गई पानी की टंकी जर्जर होकर गिरने की कगार पर पहुंच चुकी है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन व सरकार से गांव में बदहाल पेयजल व्यवस्था को दुरुस्त करवाए जाने की मांग की है।
कागजों में ही होती है टैंकों की सफाई
गांव बड़सीकरी कला पंचायत सदस्य चंद्रपाल ने बताया कि गांव में बदहाल पेयजल व्यवस्था के लिए जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व कर्मचारी जिम्मेवार हैं। उनके द्वारा केवल कागजों में ही टैंकों की सफाई और दीवारों की रिपेयर करवा दी जाती है। हकीकत में पिछले 3 वर्ष से विभाग द्वारा न तो जलघर में बने टैंकों की सफाई करवाई गई और न ही जलकर की दीवार व पानी की टंकी की रिपेयर की गई है।
एस्टीमेट भेजा गया है, जल्द होगा समाधान
जन स्वास्थ्य विभाग के कार्यकारी अभियंता महेंद्र सिंह राणा ने बताया कि ग्रामीणों का कागजों में सफाई दर्शाने का आरोप निराधार है। पानी की टैंकों की सफाई, रिपेयर व दीवार तथा खरब पानी फिल्टर को ठीक करवाने के लिए एस्टीमेट भेजा गया है। एस्टीमेट पास होते ही ग्रामीणों की समस्या का जल्द से जल्द समाधान करवा दिया जाएगा।