नवीन पांचाल/हप्र
गुरुग्राम, 13 जून
मानेसर के आसपास के पांच गांवों का जमीन अधिग्रहण का जिन्न अभी शांत नहीं हुआ है। 420 एकड़ जमीन के डीम्ड अवार्ड के बाद भी एचएसआईआईडीसी की ओर से जारी 268 जमीन के अधिग्रहण का नोटिस जारी करने, मुआवजा वृद्धि तथा ग्रामीणों द्वारा निजी कार्यों के लिए खरीदी जमीन के अधिग्रहण के खिलाफ पांच गांवों के लोग पुनः लामबद्ध हो रहे हैं। इस मामले को लेकर ग्रामीणों ने पटौदी के विधायक सत्यप्रकाश जरावता से मुलाकात कर सरकार के समक्ष उनकी पैरवी करने की मांग की है। ग्रामीणों ने विधायक सत्यप्रकाश जरावता से गुजारिश की है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले की पालना करवाई जाए तथा इसमें ग्रामीणों के हितों की सुरक्षा भी जाए। ग्रामीणों के अनुसार अगस्त 2004 से 2010 के बीच ग्रामीणों द्वारा निजी उपयोग के लिए खरीदे गए जमीन के छोटे टुकड़ों को अधिग्रहण के दायरे से बाहर करवाया जाए तथा डीम्ड अवार्ड घोषित करने के बाद नवंबर 2020 में जिस 268 एकड़ जमीन के अधिग्रहण की सूचना चस्पां की गई है उसे वापस लिया जाए।
ग्रामीणों ने विधायक को बताया कि आखिरी दफा उन्हें सरकारी स्तर पर 7 करोड़ 43 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दिया गया था, इस राशि को और बढ़ाकर मुआवजा दिया जाए। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने वाले पूर्व सरपंच ओमप्रकाश यादव का कहना है कि विधायक सत्यप्रकाश जरावता ने आश्वासन दिया है कि ग्रामीणों की मांग सरकार के समक्ष रखी जाएगी तथा उन्होंने वादा किया है कि ग्रामीणों के साथ किसी तरह का अन्याय नहीं होने देंगे। बकौल ओमप्रकाश, ‘हमारी सुनवाई नहीं हुई तो ग्रामीणों को एकजुट कर पुनः सरकार के खिलाफ हुंकार भरने की तैयारी है।’
गौरतलब है कि मानेसर, नखड़ौला व नौरंगपुर गांव की 912 एकड़ जमीन के अधिग्रहण के लिए वर्ष 2004 में सेक्शन चार के नोटिस जारी किए गए थे। इस बीच चुनावों के बाद सत्ता परिवर्तन हुआ तो 2005 में सेक्शन 6 के नोटिस 688 एकड़ जमीन के दिए गए। इसी तरह सेक्शन 9 के नोटिस निजी स्तर पर भेजकर जमीन का अवार्ड सुनाने के दिन 27 अगस्त 2007 को इसे अधिग्रहण मुक्त कर दिया गया। इस जमीन के मालिक शिकोहपुर व रामपुरा गांव भी निवासी भी हैं। इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ने बिल्डर्स की तत्कालीन हुड्डा सरकार व अफसरशाही के साथ मिलीभगत मानते हुए इसे ग्रामीणों की जमीन कोड़ियों के भाव हड़पने की साजिश बताया था। इस मामले में सीबीआई अभी भी पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत 24 से अधिक लोगों के खिलाफ जांच कर रही है।