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यमुना क्षेत्र में तेंदुए जैसे किसी जंगली जानवर की दहशत

गुंजन कैहरबा/निस इन्द्री, 7 जुलाई एक सप्ताह पहले यमुना क्षेत्र के गांव जपती छपरा के खेतों में किसान की हत्या के बाद क्षेत्र में तेंदुए या किसी जंगली जानवर का खतरा गहराता ही जा रहा है। पिछले तीन दिन से...
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गुंजन कैहरबा/निस

इन्द्री, 7 जुलाई

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एक सप्ताह पहले यमुना क्षेत्र के गांव जपती छपरा के खेतों में किसान की हत्या के बाद क्षेत्र में तेंदुए या किसी जंगली जानवर का खतरा गहराता ही जा रहा है। पिछले तीन दिन से दो स्थानों पर वन विभाग ने पिंजरे लगा रखे हैं। जंगली जानवर को आकर्षित करने के लिए उसमें बकरी रखी जा रही है। लेकिन आज तक कोई जानवर दिखाई नहीं दिया। रादौर के गुमथला में रेत की खान में आज एक जानवर दिखाई दिया, जिसके बाद यमुना क्षेत्र में जंगली जानवर के होने की संभावना को और बल मिला है। गुमथला में आए जानवर को पकड़ लिया गया, जिसे वन विभाग ने बिल्ली या जंगली बिल्ली करार दिया है। मंडल वन्यजीव अधिकारी शिव सिंह रावत, वन्यजीव निरीक्षक राजबीर, गढ़ीबीरबल वन खंड अधिकारी राम कुमार लठवाल आदि अधिकारियों ने गांव जपती छपरा में जाकर मारे गए किसान के प्रति शोक व्यक्त किया और जन संवाद किया। जपती छपरा के सरपंच सबील हैदर व कलसौरा के सरपंच प्रदीप कुमार सहित अनेक ग्रामीणों ने अधिकारियों को लोगों के डर के बारे में विस्तार से बताया और क्षेत्र में आए वन्य जीव को पकडऩे की अपील की। अधिकारियों ने लोगों द्वारा बताए गए खेतों में दिखाई देने वाले पंजों के निशानों का निरीक्षण किया।

गांव जपती छपरा में गत 1 जुलाई को सुबह किसान असद रजा जीरी के पानी भरे खेत में मृत पाए गए थे। सरपंच सबील हैदर ने अधिकारियों को बताया कि उन्होंने किसान असद रजा के शव को नजदीक से देखा है। शव के गले और शरीर पर मिले पंजों के निशानों से इसी आशंका को बल मिलता है कि किसान के ऊपर तेंदुए या किसी उस जैसे किसी जंगली जानवर का हमला हुआ है। तभी से जपती छपरा सैदान, जपती छपरा सिकलीगरान, नबियाबाद, सैयद छपरा व कलसौरा के गांवों में भय का साया है।

डीडब्ल्यूएलओ ने किया जनसंवाद

रोहतक से आए मंडल वन्य जीव अधिकारी शिव सिंह रावत ने ग्रामीणों के साथ जनसंवाद करते हुए कहा कि वन्य जीव निरीक्षक व वन खंड अधिकारी राम कुमार लठवाल की अगुवाई में विभाग के कर्मचारी लगातार लोगों के बीच में हैं। संभावित जंगली जानवर को पकडऩे के लिए तरह-तरह के उपाय किए जा रहे हैं। हालांकि वन विभाग को अभी तक भी तेंदुए के पंजे नहीं मिले हैं। हालांकि पाए गए पंजों के सैंपल जांच के लिए देहरादून के संस्थान में भेजे गए हैं। जिसकी रिपोर्ट के बाद कुछ कहा जा सकेगा। दैनिक ट्रिब्यून के साथ बात करते हुए मंडल वन्यजीव अधिकारी शिव सिंह रावत ने बताया कि गत 40 सालों के इतिहास में आज तक हरियाणा में केवल एक महिला की तेंदुए से मृत्यु हुई है। जपती छपरा में मारे गए किसान के शव पर मिले पंजों के निशानों को हालांकि वन विभाग के किसी अधिकारी ने नहीं देखा है।

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