दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 26 फरवरी
हरियाणा के नये डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) के लिए गृह मंत्रालय ने पैनल तैयार करके गृहमंत्री अनिल विज को भेज दिया है। गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने सीलबंद लिफाफे में विज के पास यह पैनल भिजवाया। अब विज इस पैनल को देखने के बाद अगली कार्रवाई के लिए इसे मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को भेजेंगे। यूपीएससी में पैनल भेजने से पहले सीएम की मंजूरी अनिवार्य है। मौजूदा डीजीपी मनोज यादव का कार्यकाल 23 फरवरी को पूरा हो चुका है। उन्हें दो वर्षों के लिए डीजीपी पद पर नियुक्ति दी गई थी। इस बीच दिसंबर-2020 में भी विज ने नये डीजीपी के लिए पैनल बनाने के आदेश गृह सचिव को दिए थे। उनकी चिट्ठी के बाद पैनल तो नहीं बना, लेकिन सरकार ने जनवरी में डीजीपी को आगामी आदेशों तक एक्सटेंशन दे दी।
यादव का दो साल का कार्यकाल पूरा होने के दिन ही विज ने फिर से गृह सचिव को पत्र लिखकर पैनल बनाने के आदेश दिए। इस बार उन्होंने तल्ख चिट्ठी लिखी और टाइम-बाउंड भी कर दिया। इतना ही नहीं, विज ने तो 2 मार्च से डीजीपी का पद खाली समझने के आदेश भी अपने पत्र में दे दिए हैं। अब गृह विभाग से आईपीएस अधिकारियों का पैनल आ चुका है। सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय) से मंजूर होने के बाद यह यूपीएससी में जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार, यूपीएससी सात अधिकारियों के पैनल की स्टडी करेगी। पैनल में शामिल आईपीएस अधिकारियों का सर्विस व ट्रैक रिकार्ड खंगाला जाएगा। इसके बाद तीन अधिकारियों के नाम डीजीपी के लिए फाइनल करके राज्य सरकार को भेजे जाएंगे। राज्य सरकार इन तीन अधिकारियों के पैनल में से किसी एक को डीजीपी लगाने के लिए स्वतंत्र होगी। विज ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को लेकर किए जा रहे अलग-अलग दावों का भी जवाब दे दिया है।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने डीजीपी पद के लिए कम से कम दो साल का कार्यकाल तय किया था। साथ ही, यह भी कहा गया कि कम से कम 30 वर्षों की सर्विस वाले आईपीएस अधिकारी को ही डीजीपी पद पर लगाया जा सकता है। विज का कहना है कि मनोज यादव को केंद्र ने दो वर्षों के लिए भेजा था। उनके पोस्टिंग आर्डर में भी साफ लिखा है कि उन्हें 2 वर्षों के लिए डीजीपी लगाया जा रहा है। ऐसे में उन्हें एक्सटेंशन नहीं दी जा सकती।
सीएम को विज की गोपनीय चिट्ठी
जहरीली शराब से 47 लोगों की मौत व अवैध शराब तस्करी मामले में विज ने सीएम मनोहर लाल खट्टर को गोपनीय चिट्ठी लिखी है। एडीजीपी श्रीकांत जाधव की अध्यक्षता वाली स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) की रिपोर्ट की स्टडी करने और उसे पूरी तरह से पढ़ने के बाद ही विज ने सीएम को पत्र लिखा है। सीएम को एसआईटी की रिपोर्ट के साथ विज ने कई अधिकारियों पर कार्यवाही की भी सिफारिश की है। विज का कहना है कि मुख्यमंत्री कार्यालय से जवाब आने के बाद ही अगली कार्यवाही होगी।