तरुण जैन/निस
रेवाड़ी, 27 जनवरी
किसान आंदोलन के नाम पर देश की राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा के बाद बुधवार को रेवाड़ी में ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। ट्रैक्टर परेड से लौट कर दिल्ली-जयपुर हाईवे स्थित मसानी बैराज पर पहुंचे किसानों को आसपास के 20 गांवों के ग्रामीणों ने हाईवे खाली करने की चेतावनी दी। बाद में किसानों ने अपना समेट लिया और हाईवे को खाली कर कर दिया। इस मुद्दे को लेकर बुधवार को मसानी के निकटवर्ती 20 गांवों की पंचायत हुई। इसमें यह फैसला लिया गया कि इन किसानों को अब यहां नहीं रुकने दिया जाएगा। पंचायत के इस फैसले से जब धरनारत किसानों को अवगत कराया गया तो एक बार टकराव की स्थिति बनती दिखाई दी और पुलिस को दखल देना पड़ा। आखिर में ग्रामीणों को रोष को देखते हुए अब किसानों ने मसानी बैराज से धरना समाप्त करने का फैसला लेते हुए टेंट, तंबू उखाड़कर अन्य सामान समेट लिया। मसानी, डूंगरवास, रसगण, तीतरपुर, निखरी, डूंगरवास, खरखड़ा, हांसाका सहित 20 गांवों के गुस्साए ग्रामीणों ने मसानी बैराज के पास ही पंचायत की। इसमें धरनारत किसानों को चेतावनी दी कि वे यहां से हट जाएं। ठकराव की स्थिति उस समय पैदा हो गई, जब धरनारत किसानों के समक्ष प्रदर्शन भी किया। ठकराव की स्थिति को देखते हुए डीएसपी अमित भाटिया के नेतृत्व में पुलिस बल वहां पहुंचा। बातचीत के बाद आंदोलनकारी किसानों ने मसानी बैराज से अपना सामान समेट लिया। मसानी बैराज पर धरने का नेतृत्व कर रहे किसान नेता रामकिशन महलावत ने कहा कि मसानी बैराज से धरना समाप्त कर दिया है। उधर, पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता कैप्टन अजय यादव ने आरोप लगाया है कि किसान आंदोलन को लेकर रेवाड़ी के पुलिस अधीक्षक ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की धमकी दी है। उन्होंने कहा कि वे धमकियों से डरने वाले नहीं हैं।
खेड़ा बॉर्डर पर कम हुई भीड़
दिल्ली-जयपुर हाईवे स्थित रेवाड़ी सीमा के साथ लगते जयसिंहपुर खेड़ा बॉडर पर पिछले दो माह से चल रहे धरने पर बुधवार को चहल-पहल कम दिखाई दी। ट्रैक्टर परेड के बाद बहरोड़, कोटपूतली, शाहजहांपुर के किसान अपने घरों को लौट गए। इसके कारण बॉर्डर पर किसानों की संख्या कम दिखाई दी। मसानी बैराज से धरना समाप्त करने के बाद किसान बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों के साथ शामिल हो गए।