सोनीपत, 17 दिसंबर (निस)
एचपीएससी, एचएसएससी व अन्य भर्तियों में धांधली, पेपर लीक मामलों के खिलाफ शुक्रवार को युवाओं ने जमकर रोष प्रकट किया। शहर के सुभाष चौक पर आईसीएस सेंटर के सैकड़ों युवा एकत्रित हुए और जोरदार प्रदर्शन किया। इसके बाद युवाओं ने लघु सचिवालय में पहुंचकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नाम ज्ञापन सौंप कर भर्ती मामलों की सीबीआई जांच करवाने की मांग की। युवाओं की अगुवाई आईसीएस संचालक परिमल कुमार ने की। ज्ञापन के माध्यम से युवाओं ने बताया कि हरियाणा में सरकारी नौकरी के मामले में काफी सुधार हुए हैं, लेकिन इस दिशा में काफी काम किया जाना बाकी है। आए दिन अलग-अलग स्तर पर भर्ती मामलों में घपले व धांधली सामने आ रही है। इससे सीएम की बिना खर्ची बिना पर्ची वाली छवि पर भी सवाल उठने लगे हैं। आईसीएस संचालक परिमल ने कहा कि आए दिन पेपर लीक मामले सामने आने से युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है।
चरखी दादरी (निस) : विभिन्न कोचिंग सेंटरों व प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं ने शुक्रवार को भर्ती में भ्रष्टाचार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया। युवाओं ने एकजुट होते हुए सरकार की भर्ती प्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए रोष जताया।
नारनौंद (निस) : कस्बे के आईसीएस कोचिंग सेंटर में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों ने शुक्रवार को उपमंडल परिसर में सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। उसके बाद नायब तहसीलदार अजीत सिंह को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन भी सौपा।
गन्नौर (निस) : एचपीएससी व एचएसएससी की परीक्षाओं में हो रही धांधली के विरोध में शुक्रवार को छात्र-छात्राओं नेे मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम कार्यालय के सुपरिंटेंडेंट को ज्ञापन सौंपा।
सरकारी नौकरियों में धांधली की जांच की मांग को लेकर प्रदर्शन
भिवानी (हप्र) : सरकारी नौकरियों की परीक्षाओं में हो रही धांधली के विरोध में शुक्रवार को छात्र-छात्राओं ने मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा और सीबीआई से जांच की मांग की। छात्र-छात्राएं तोशाम बाजार में प्रदर्शन करते हुए उपमंडल कार्यालय पहुंचे। आईसीएस सेंटर संचालक मंजीत सांगवान, आरजू, सुशीला, ज्योति, ममता, मोनिका, सीमा आदि विद्यार्थियों ने बताया कि परीक्षाओं में गड़बड़ी व पैसे लेकर बच्चों को पास किया जा रहा है। हरियाणा सरकार में सरकारी नौकरी के क्षेत्र में बहुत सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी बहुत कुछ होना बाकी है। विभिन्न स्तर की परीक्षाओं पर बार-बार खुलासे हो रहे हैं, जिसके कारण सरकार की बिना खर्ची बिना पर्ची वाली छवि पर भी सवालिया निशान उठने लगे हैं।