दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 11 अप्रैल
हरियाणा में कांग्रेस दिग्गजों के बीच घमासान बढ़ता ही जा रहा है। पिछले ढाई वर्षों से संगठन का गठन नहीं होने से आहत प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने विगत दिवस पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। सूत्रों का कहना है कि सैलजा ने पार्टी नेतृत्व के सामने संगठन का मुद्दा उठाते हुए दो-टूक कहा कि या तो संगठन का गठन तुरंत किया जाए, नहीं तो उनका इस्तीफा ले लिया जाए। उनके इस्तीफे की पेशकश सियासी गलियारों में चर्चा का बड़ा विषय बन गई है।
सैलजा को पद से हटवाने के लिए पिछले करीब एक साल से लॉबिंग चल रही है। पिछले साल जून-जुलाई में हुड्डा खेमे के 20 से अधिक विधायकों ने पार्टी के हरियाणा मामलों के प्रभारी विवेक बंसल के सामने यह मुद्दा उठाया था। इसके बाद वे ग्रुप में राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से भी मिले थे। उस समय आलाकमान ने राज्य में नेतृत्व परिवर्तन से साफ इनकार कर दिया था। अब पंजाब, यूपी व उत्तराखंड सहित पांच राज्यों में कांग्रेस की हार के बाद हाईकमान ‘दबाव’ में नज़र आ रहा है।
प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा व पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बीच लगातार बढ़ रही दूरियों के बीच सैलजा की यह मुलाकात सुर्खियों में है। नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाएं पहले से ही चल रही थी। इस घटना के बाद इन्हें और बल मिला है। पांच राज्यों के चुनावों में हार के बाद जी-23 भी काफी सक्रिय है। जी-23 में कांग्रेस के ही वे वरिष्ठ नेता शामिल हैं, जो यूपीए सरकार में हेवीवेट मंत्री भी रहे हैं।
हाईकमान ने जी-23 नेताओं के साथ बैठकों का दौर शुरू किया हुआ है। सोनिया गांधी ने पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा सरीखे कई वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक भी की। बैठकों के इस दौर के बीच रविवार की शाम कांग्रेस नेतृत्व पंजाब में अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग को प्रदेशाध्यक्ष व प्रताप सिंह बाजवा को पंजाब विधायक दल का नेता बना चुका है। पंजाब में हुए इन बदलावों के बाद हरियाणा में बदलाव की संभावना बढ़ गई है। 4 सितंबर, 2019 को डॉ़ अशोक तंवर को प्रदेशाध्यक्ष पद से हटाने के बाद कांग्रेस ने कुमारी सैलजा को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपी थी।
राहुल का पाठ बेअसर
पिछले दिनों राहुल गांधी ने सैलजा व हुड्डा सहित प्रदेश कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेताओं को नई दिल्ली में बुलाया था। राहुल ने उन्हें एकजुट रहने के निर्देश भी दिए थे लेकिन राहुल के पाठ का कांग्रेसियों पर कोई असर नहीं हुआ। चंडीगढ़ के मुद्दे पर प्रदेश प्रभारी विवेक बंसल व सैलजा की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में बैठक हुई तो हुड्डा ने विधायक दल की बैठक नई दिल्ली में की। इसके बाद महंगाई के मुद्दे पर बंसल व सैलजा के नेतृत्व में 7 अप्रैल को चंडीगढ़ में प्रदर्शन किया गया। इसमें हुड्डा सहित 24 विधायक नहीं पहुंचे।
सैलजा के आयोजन से दूर रहे विधायकों को मिलेंगे नोटिस
चंडीगढ़, 11 अप्रैल (ट्रिन्यू)
हरियाणा में कांग्रेस के अधिकृत कार्यक्रमों में गैरहाजिर रहने वाले विधायकों व वरिष्ठ नेताओं को नोटिस जारी होंगे। उनसे जवाब मांगा जाएगा। पार्टी हाईकमान के निर्देश पर हरियाणा मामलों के प्रभारी विवेक बंसल ने उन विधायकों से जवाबतलब करने का निर्णय लिया है, जो हाल ही में हुए कार्यक्रमों में नहीं पहुंचे थे। दरअसल, महंगाई के विरोध में कांग्रेस की ओर से 7 अप्रैल को चंडीगढ़ में प्रदर्शन किया गया था। विवेक बंसल व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा के नेतृत्व में हुए इस प्रदर्शन में पार्टी के 7 ही विधायक पहुंचे थे। बाकी 24 विधायक इस आंदोलन से गैरहाजिर थे। इनमें विपक्ष के नेता व पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व मंत्री व तोशाम विधायक किरण चौधरी तथा कांग्रेस वर्किंग कमेटी के विशेष आमंत्रित सदस्य और आदमपुर विधायक कुलदीप बिश्नोई भी प्रदर्शन में शामिल नहीं हुए। हालांकि यह पहला मौका नहीं था, जब पार्टी के आयोजनों में हुड्डा खेमे के नेताओं ने दूरी बनाई है। पंजाब में भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी सरकार ने जब विधानसभा में चंडीगढ़ पर एकाधिकार को लेकर प्रस्ताव पास किया तो कांग्रेस इस पर भी एकजुट होकर विरोध नहीं कर पाई थी। विवेक बंसल व कुमारी सैलजा की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में वरिष्ठ नेताओं व वर्करों की बैठक हुई थी। वहीं हुड्डा ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक इसी दिन नई दिल्ली में बुलाई हुई थी। प्रदेश प्रभारी विवेक बंसल के अनुसार काफी समय से यह नोटिस किया जा रहा है कि कई वरिष्ठ नेता कार्यक्रमों में नहीं पहुंचते। ऐसे नेताओं को लिखकर भेजा जा रहा है, ताकि वे अपना जवाब दे सकें। इनमें विधायक भी शामिल रहेंगे।