Tribune
PT
Subscribe To Print Edition About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

लड्डू और फूल मालाओं के दिये आर्डर

प्रत्याशियों व समर्थकों में बेचैनी, सियासी गुणा-भाग तेज

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

बहादुरगढ़, 7 अक्तूबर (निस)

विधानसभा चुनाव में बहादुरगढ़ हलके से चुनाव मैदान में उतरे 14 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला मंगलवार को मतगणना

Advertisement

के बाद होगा।

Advertisement

मंगलवार सुबह के 8 बजते ही ईवीएम में कैद वोट बाहर आने लगेंगे और इसके साथ ही उम्मीदवारों की जीत-हार को लेकर रुझान मिलने शुरू हो जाएंगे। शाम होते-होते कहीं खुशियों की बारिश होने लगेगी तो कई लोगों की शाम गम के साये से घिर जाएगी।

सोमवार को कोई उम्मीदवार पूजा पाठ करने में लगा रहा तो कोई कार्यकर्ताओं के साथ काउंटिंग को लेकर रणनीति बनाने में जुटा रहा। रिजल्ट से पहले वाली रात सबकी बेचैनी बढ़ी रही। दिल में न चैन दिखा तो वहीं रात भर आंखों से नींद भी गायब रही।

मतदान के बाद उम्मीदवारों को काफी हद तक तो ये पता चल जाता है कि क्षेत्र की जनता का उन्हें कितना आशीर्वाद मिला है। इसके आधार पर वो अपनी जीत-हार का अंदाजा भी लगा लेते हैं, लेकिन जब तक आधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि हो नहीं जाती, मतगणना हो नहीं जाती है, तब तक तो उन्हें चैन मिलता नहीं है। सोमवार को उम्मीदवारों ने मतगणना को लेकर अपनी रणनीति तैयार की। इसके साथ ही उन्होंने पूजा-पाठ किया।

बताया गया है कि उम्मीदवारों के समर्थकों की तरफ से लड्डू, फूलों की मालाओं व बुकों के आर्डर भी दिए जा चुके हैं। वहीं कई समर्थकों ने नोटों की माला भी अपने उम्मीदवार के लिए तैयार कराई है।

भाजपा प्रत्याशी दिनेश कौशिक सेवामूर्ति व उनके समर्थक भाजपा की बढ़त मानकर अपनी जीत का अनुमान लगा रहे हैं तो निर्दलीय प्रत्याशी राजेश जून के समर्थक इस बार अपनी जीत सुनिश्चित मानकर बूथ वाइज डाली गई वोटों के आधार पर हिसाब किताब लगा रहे हैं। उधर, कांग्रेस प्रत्याशी राजेन्द्र सिंह जून व उनके समर्थक कांग्रेस की प्रदेश में सरकार बनने को लेकर संभावना जताते हुए व शराफत और विकास के नाम पर अपनी जीत निश्चित मान कर  चल रहे हैं।

इनेलो-बसपा गठबंधन प्रत्याशी शीला राठी अपने पति नफे सिंह राठी द्वारा उनके कार्यकाल में करवाये गए विकास कार्यों, सामाजिक कार्यों में उनकी बढ़चढ़ कर भागीदारी रहने व आमजन के बीच उनकी विशेष पहचान के बलबूते व उनकी हत्या के बाद इंसाफ की लड़ाई के लिए चुनाव मैदान में उतरी और अब कार्यकर्ताओं की बदौलत व हलकावासियों के आशीर्वाद से अपनी जीत का दम भर रही हैं।

साथ ही पंचायती उम्मीदवार रमेश दलाल ने भी हलके के विकास में अपनी ओर से दिये गए योगदान, किसानों, आमजन के हित में करवाये गए कार्यों की बदौलत ही चुनाव लड़ा और वे भी अपनी जीत सुनिश्चित मानकर चल रहे हैं। इसके अलावा अन्य जो प्रत्याशी हैं वे भी अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं।

ढोल वालों को भी  किया गया बुक

चुनावी नतीजों से पहले उम्मीदवारों के समर्थकों ने ढोल वालों को बुक कर लिया है। जैसे ही उनके उम्मीदवार की जीत की घोषणा होगी वैसे ही ढोल की थाप पर समर्थक खुशी मनाना शुरू कर देंगे।

Advertisement
×