गुरुग्राम, 21 जुलाई (निस)
रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण, गुरुग्राम ने घर खरीदने वालों के लिए एक बड़ी राहत देते हुए घर खरीदारों को रिफंड वापस करने को कहा है। शहर-आधारित डेवलपर्स को एक कड़ा संदेश देते हुए रेरा घर खरीदारों के बचाव में आया है। कई बिल्डरों द्वारा निर्धारित समय अवधि में अपार्टमेंट/भूखंडों का कब्जा देने में विफल रहने पर रेरा द्वारा यह आदेश जारी किए गए हैं।
जारी आदेशानुसार बिल्डर्स को 90 दिनों में बिना किसी चूक के 9.70 प्रतिशत की दर से ब्याज के साथ पैसा देना होगा। साथ ही आवंटियों को मुआवजे और कानूनी कार्यवाही में शामिल खर्चों का भुगतान भी किया जाना चाहिए।
रेरा के आदेश ऐसे असंतुष्ट घर खरीदारों द्वारा की गई कई शिकायतों को ध्यान में रखते हुए दिए गए हैं, जिन्होंने बिल्डरों को भुगतान की गई राशि की वापसी की उम्मीद ही खो दी थी। रेरा के अध्यक्ष डॉ. केके खंडेलवाल ने कहा, ‘प्राधिकरण ने बिल्डरों और आवंटी दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद बिल्डरों को दोषी पाए जाने पर घर खरीदारों को जमा राशि वापस करने का आदेश दिया।
उन्होंने कहा कि बिल्डरों को घर खरीदने वालों को हल्के में नहीं लेना चाहिए। ऐसे में रेरा को उनके अधिकारों की रक्षा करनी होगी।’
जुलाई में प्राधिकरण के पास आये 300 मामले
खंडेलवाल ने बताया कि कई बिल्डर्स अच्छी प्रारंभिक राशि एकत्र करने के बाद भी निर्धारित समय के भीतर परियोजनाओं को पूरा करने और वादा अनुसार घर देने में विफल रहे हैं। केवल जुलाई के महीने में, लगभग 300 मामलों को सुनवाई के लिए प्राधिकरण ने सूचीबद्ध किया था। इनमें से 63 मामलों में प्राधिकरण ने सत्रह बिल्डरों को 9.70 प्रतिशत की दर से ब्याज सहित लगभग 50 करोड़ रुपये राशि वापसी देने का निर्णय किया है जिसमें रहेजा डेवलपर्स ग्यारह घर खरीददारों को करीब 12 करोड़ रुपए देगा।