चंडीगढ़, 17 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा की ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के अधिकारी विशेष रूप से इंस्पेक्टर अब ओवरलोड व कॉमर्शियल वाहन चालकों के साथ किसी तरह की ‘सैटिंग’ नहीं कर सकेंगे। इससे निपटने का पुख्ता इंतजाम सरकार ने कर लिया है। वाहनों की चैकिंग के दौरान इंस्पेक्टर को अपने शरीर पर ‘बॉडी कैमरा’ लगाना होगा। चैकिंग के दौरान न तो कैमरे को बंद किया जा सकेगा और न ही इसकी लोकेशन में किसी तरह का बदलाव को पाएगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को यहां पत्रकारों से मुखातिब होते हुए इसकी जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि बिना अथॉरिटी को सूचित किए चैकिंग भी नहीं हो सकेगी। सैटिंग करके ओवरलोड वाहनों को छोड़ने के मामलों की संख्या में लगातार हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है। बॉडी कैमरे में वीडियो के साथ-साथ आडियो भी होगी। इसका फायदा यह होगा कि चैकिंग करने वाले इंस्पेक्टर व मौके पर मौजूद वाहन ड्राइवर या मालिक के साथ होने वाली पूरी बातचीत रिकार्ड होगी।
आमतौर पर कांटों पर सैटिंग करके गाड़ी की क्षमता के हिसाब से वजन की पर्ची कटवा ली जाती थी, लेकिन अब सरकार ने ‘आटोमैटिक पोर्टेबल स्केल’ सड़कों पर लगाने का फैसला लिया है। परिवहन विभाग द्वारा ऐसे 45 स्केल खरीदे भी जा चुके हैं। वाहन चालक जब इनके ऊपर से गुजरेगा तो रोड के साइड में लगे स्केल पर उसका वजन डिस्पले हो जाएगा। ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के अधिकारियों व कर्मचारियों के व्हाट्सएप ग्रुप की भी सरकार मॉनिटरिंग करेगी। ग्रुप में अथॉरिटी की चैकिंग टीम की छापेमारी की सूचना दी जाती है। सीएम मनोहर लाल खट्टर का कहना है कि अब यह सिस्टम नहीं चलेगा। ऐसा करने वाले विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
6 जिलों में इंस्पेक्शन व सर्टिफिकेशन सेंटर : मुख्यमंत्री ने कहा कि माल ढोने वाले वाहनों की फिटनेस जांच के लिए इंस्पेक्शन व सर्टिफिकेशन सेंटर बनेंगे। अभी तक एमवीआई (मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर) सड़क किनारे बैठकर ही फिटनेस सर्टिफिकेट देते रहे। रोहतक में इंस्पेक्शन व सर्टिफिकेशन सेंटर बनाया जा चुका है। सरकार ने 150 करोड़ की लागत से अम्बाला, गुरुग्राम, फरीदाबाद, करनाल, रेवाड़ी व हिसार में भी गाड़ियों का फिटनेस चैकअप इलेक्ट्रॉनिक तरीके से करने के लिए सेंटर स्थापित करने का फैसला लिया है। अगले एक साल में ये सेंटर शुरू कर दिए जाएंगे।
11 जिलों में आॅटोमैटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक : ड्राइविंग लाइसेंस के लिए राज्य के 11 जिलों में आटोमैटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक बनेंगे। कुल 30 करोड़ रुपये की लागत इन केंद्रों पर आएगी। पहले चरण में कैथल, बहादुरगढ़ (झज्जर), रोहतक, फरीदाबाद, नूंह, भिवानी, करनाल, रेवाड़ी, सोनीपत, पलवल व यमुनानगर जिलों में ये सेंटर बनेंगे सीएम ने कहा कि बिना टेस्टिंग किसी को भी लाइसेंस नहीं मिलेगा।
ट्रांसपोर्ट से कनेक्ट होगा ई-रवाना
खनन विभाग द्वारा खानों से गाड़ियों को ई-रवाना सॉफ्टवेयर में एंट्री के बाद ही बाहर निकलने दिया जाता है। अब सरकार ने ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के साथ इस सॉफ्टवेयर को कनेक्ट करने का फैसला लिया है ताकि ई-रवाना में आए वजन का परिवहन विभाग को भी पता लग सके। इससे परिवहन विभाग को तुरंत पता लगेगा कि माइन से निकलने वाले वाहन में कितना लोड है। इसकी चैकिंग आॅटोमैटिक हो सकेगी। ओवरलोड वाहनों को पकड़ने में इससे काफी आसानी होगी।
रोडवेज को घाटे से उबारने की बनेगी योजना
सीएम के साथ मौजूद परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने स्वीकार किया कि कोरोना के कारण रोडवेज के घाटे में वृद्धि हुई है। इस समय रोडवेज को वित्तीय संकट से उबारने के लिए कई योजनाएं शुरू करने की जरूरत है। इसके लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं कि रोडवेज की हालत में सुधार के लिए मास्टर प्लान तैयार करें। परिवहन मंत्री ने कहा कि कोरोना के कारण मार्च माह से बसों का आवागमन बंद है। अनलॉक-4 व 5 में बसों को दोबारा तो शुरू किया गया लेकिन पहले की तरह यात्री नहीं आ रहे हैं। शर्मा ने कहा कि सरकार द्वारा अंतरराज्जीय बसों को दोबारा शुरू किया जा रहा है। हरियाणा सरकार का जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल आदि राज्यों के साथ पहले से ही एमओयू है।
‘ हरियाणा में नहीं कोई वित्तीय संकट’
हरियाणा में वित्तीय संकट को लेकर चल रही अटकलों को खारिज करते हुए मुख्यमंत्री ने साफ किया है कि प्रदेश के सामने इस समय कोई वित्तीय संकट नहीं है। सभी विभागों में कर्मचारियों को हर माह की 15 तारीख से पहले-पहले वेतन अदायगी की जा रही है। सीएम ने बतौर वित्त मंत्री कहा, कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन से हरियाणा को हजारों करोड़ की राजस्व हानि हुई है। कोरोना के कारण मार्च-अप्रैल माह के दौरान हालात काफी गंभीर बन गए थे। इसके बावजूद सरकार ने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से प्रदेश के वित्तीय हालत सुधारने का प्रयास किया है।
‘ पड़ोसी राज्यों के बाजरे की नहीं होगी खरीद
मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि राज्य सरकार ने खरीफ फसलों की खरीद प्रक्रिया को सुचारू व सुव्यवस्थित ढंग से संचालित करने के सभी आवश्यक प्रबंध किए हैं। पहली बार मक्का की सरकारी खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर हो रही है। इससे पहले बाजरे की खरीद भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की गई थी। अब तक धान व अन्य फसलों के भुगतान स्वरूप 1000 करोड़ रुपये सरकार की ओर से जारी किए जा चुके हैं। सीएम ने कहा कि राज्य के किसानों की फसल का एक-एक दाना खरीदा जाएगा। प्रदेश सरकार की प्राथमिकता हरियाणा के किसानों का हित है। इसके लिए ही सबसे पहले मंडियों में प्रदेश के किसानों की बाजरे आदि फसल की खरीद की जा रही है।
पीपीपी मॉडल पर शहरों पर पार्किंग
शहरों में वाहनों की पार्किंग को लेकर आ रही समस्या का समाधान करने का जिम्मा भी डिस्टि्रक्ट ट्रांसपोर्ट ऑफिसरों का होगा। शहरी स्थानीय निकायों तथा हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण अभी तक पार्किंग का काम देख रहा था, लेकिन अब जिला परिवहन अधिकारी कार्यालय इसे संभालेंगे। इतना ही नहीं, इन दोनों ही विभागों से पार्किंग की जगह भी ट्रांसफर होगी। सरकार पीपीपी मॉडल पर पार्किंग स्थल बनाएगी ताकि लोगों को गाड़ियों की पार्किंग में किसी तरह की दिक्कत न आए। शहरों में पार्किंग पेड होगी।
रॉन्ग पार्किंग के काटे जाएंगे चालान
राॅन्ग पार्किंग के चालान काटने का काम अभी तक पुलिस के पास था लेकिन अब यह काम भी डीटीओ करेंगे। इसी तरह से शहरों में ट्रांसपोर्ट नगरों की देखरेख और नये नगरों की स्थापना भी आगे से डीटीओ ही करेंगे। ट्रांसपोर्टरों के लिए सभी केंद्र एक ही जगह पर होंगे। प्रदेश में कॉमर्शियल वाहनों की संख्या सवा एक लाख के लगभग है। इन्हें संभालने का काम भी अब डीटीओ को सौंपा गया है। इतना ही नहीं, ऐसे वाहनों के लिए ट्रांसपोर्ट विभाग जल्द ही अलग से टेलीफोन लाइन भी शुरू करेगा ताकि उनकी समस्याओं का समाधान तुरंत हो सके। वहीं सीएम ने स्वीकार किया कि ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी में मौजूदा स्टाफ काफी कम है। उन्होंने कहा कि डीटीओ दफ्तरों में नया स्टाफ भर्ती होगा। वर्तमान में कुल 627 अधिकारियों व कर्मचारियों का स्टाफ जिलों में है। नई भर्ती होने तक दूसरे विभागों से प्रतिनियुक्ति पर स्टाफ लगाया जाएगा ताकि ट्रांसपोर्ट विभाग का काम बाधित न हो।