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देहरादून, चंडीगढ़, गुरुग्राम व लोकल रूटों पर बढ़ी बसों की संख्या

जींद रोडवेज का बेड़ा हुआ और बड़ा, बंद रूटों पर दौड़ने लगी बसें

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जींद शहर का सामान्य बस अड्डा
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जींद, 21 सितंबर (हप्र)

रोडवेज में सफर करने वाले यात्रियों के लिए बड़ी राहत भरी खबर है। जींद रोडवेज का बेड़ा अब और बड़ा हो गया है। अब जींद के रोडवेज बेड़े में 60 नयी बसें शामिल होने से बसों की संख्या 160 हो गई हैं। नयी बसों के आने से अब कई बंद पड़े रूट बहाल हो गए हैं। पांच साल से बंद देहरादून रूट भी बहाल हो गया है और गुरुग्राम तथा चंडीगढ़ जैसे लंबे रूटों पर भी रोडवेज बसों की संख्या बढ़ गई है। इससे प्रतिदिन 15 हजार से ज्यादा लोगों को सफर की सुविधा मिल रही है। अब डिपो में नॉर्म के अनुसार 40 बसों की कमी रह गई है।

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पिछले चार-पांच महीने पहले रोडवेज बेड़े में मात्र 100 बसें रह गई थी, जिनमें कई बसें तो पूरी तरह से कंडम हो चुकी थी। उन्हीं कंडमों बसों के सहारे डिपो चलाया जा रहा था, जिससे यात्रियों को बेहतर सुविधा नहीं मिल पा रही थी, क्योंकि रोडवेज बीच रास्ते ही खराब हो जाती थी। कई रूट बंद हो गए थे, जिनमें देहरादून, मथुरा, लुधियाना, पटियाला रूटों पर बसें नहीं भेजी जा रही थी। अब नयी बसों के आने से देहरादून, गुरुग्राम, मथुरा, चंडीगढ़, पटियाला, लुधियाना समेत लोकल रूटों पर भी रोडवेज बसें दौड़ रही हैं। अमृतसर रूट चालू करने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है।

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चालक-परिचालकों की कमी को किया जाए पूरा

रोडवेज डिपो में नयी बसें आने चालक-परिचालकों की कमी हो गई है, जिसका असर रूट पर देखने को मिल रहा है। डिपो और दोनों सब डिपो में चालक 106 और परिचालक 138 के करीब परिचालक हैं। वहीं हरियाणा कौशल विकास निगम के तहत 21 परिचालक भी अभी भर्ती हुए हैं। पिछले दिनों डिपो प्रबंधन ने चालकों और परिचालकों का ओवरटाइम शुरू कर दिया था, जिससे डिपो को कुछ राहत मिली है। रोडवेज कर्मचारी यूनियनों का कहना है कि सरकार को चालक-परिचालकों की भर्ती करनी चाहिए।

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