चंडीगढ़, 24 सितंबर (ट्रिन्यू)
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि फसल खरीद शुरू होने से एकदम पहले प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने किसानों को परेशान करने की एक और सरकारी साजिश रचनी शुरू कर दी है। फसल का डाटा मिसमैच के बहाने प्रदेश सरकार किसानों द्वारा मेहनत से तैयार की गई फसल को खरीदने से बचना चाहती है और इसलिए यह सब षड्यंत्र रचा जा रहा है। प्रदेश सरकार को चाहिए कि चाहे किसी किसान ने रजिस्ट्रेशन कराया हो या न कराया हो, उनकी फसल का एक-एक दाना खरीदा जाए।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि किसानों के दबाव में 25 सितंबर से धान की सरकारी खरीद शुरू हो रही है। उत्तर हरियाणा की मंडियों में पहले ही फसल आनी शुरू भी हो चुकी है। इसके लिए किसानों ने समय पर मेरा फसल, मेरा ब्योरा पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन भी करवा दिया था। पर इस बीच प्रदेश सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी रही, उसने फसल खरीद को लेकर न तो कोई तैयारी की और न ही कोई निर्देश जारी किया। अब जब फसल खरीद का समय आ चुका है तो इस पोर्टल पर 24 लाख एकड़ से अधिक खरीफ फसल का डाटा मिसमैच होने की बात कही जा रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इतने महीने तक सरकार ने इस डाटा को चेक क्यों नहीं कराया? अगर यह डाटा पहले चेक हो जाता तो ऐन वक्त पर किसानों के लिए इस तरह की दिक्कत नहीं होती और वे आसानी से अपनी फसल को मंडी में लाकर बेच सकते थे। लेकिन, अब सरकार 25 सितंबर से धान की खरीद शुरू कर पाएगी, इसमें संदेह बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि अप्रैल महीने में गेहूं की फसल की खरीद से पहले भी इस तरह का डाटा मिसमैच का मामला सामने आया था। इसके बावजूद प्रदेश सरकार ने किसी तरह का सबक नहीं लिया। खरीद से ऐन पहले डाटा मिसमैच का बहाना बनाना गठबंधन सरकार का किसानों के प्रति प्रतिशोध वाला रवैया उजागर करता है।