नरेंद्र ख्यालिया/निस
हिसार, 21 जून
बच्चों, शिक्षकों, अभिभावकों को राहत देने, धांधलियों पर अंकुश लगाने के लिए शिक्षा विभाग ने नया फैसला लिया है। इसके तहत पहली से लेकर स्कूल की अंतिम क्लास तक एक ही दाखिला खारिज रजिस्टर लगाया जाएगा, ताकि गलतियों को पकड़ा जा सके और इसमें गलत एंट्री न हो सके।
एक स्कूल एक दाखिला खारिज रजिस्टर का फैसला लेते हुए शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के सभी डीईओ/डीईईओ को कहा है कि अब स्कूलों में एक ही दाखिला खारिज रजिस्टर लगाया जाए। गत दिनों शिक्षा बोर्ड व निदेशालय की 231वीं बैठक का हवाला देते हुए कहा गया है कि बैठक में सामने आया था कि विद्यालयों में दाखिला खारिज रजिस्टर अलग-अलग लगाए जाते हैं, जोकि उचित नहीं है। इस प्रथा पर रोक लगाने की जरूरत महसूस की गई है। एक विद्यालय में अलग-अलग रजिस्टर के स्थान पर एक ही रजिस्टर लगाया जाए।
पुराने सिस्टम के अनुसार अगर कोई विद्यालय पहली से 12वीं कक्षा तक है तो उसमें एक बच्चे का 4 बार दाखिला किया जाता रहा है। प्रथा के तहत एक बार पहली कक्षा में बच्चे का दाखिला, उसके बाद पांचवीं पास के बाद छठी कक्षा में दाखिला, फिर 8वीं पास करने के बाद 9वीं कक्षा में दाखिला और उसके बाद 10वीं पास करने पर 11वीं में दाखिला किया जाता रहा है। जिससे एक विद्यार्थी को चार बार दाखिला नंबर देना पड़ता था। नये नियम के बाद अब स्कूल की अंतिम कक्षा तक बच्चे का एक ही दाखिला नंबर रहेगा, अगर दाखिला नंबर बदलेगा तो सिर्फ स्कूल बदलने की स्थिति में ही बदला जाएगा।
अभिभावकों की बचेगी भागदौड़
एक स्कूल एक दाखिला रजिस्टर के फैसले की बात करते हुए डीईओ कुलदीप सिहाग ने बताया कि इससे अभिभावकों को बार-बार स्कूल नहीं बुलाना पड़ेगा, जिससे उनकी भागदौड़ बचेगी। इतना ही नहीं, कई-कई रजिस्टर भी नहीं लगाने पड़ेंगे, जिससे स्टेशनरी का खर्चा बचेगा और शिक्षकों को बार-बार मेहनत भी नहीं करनी पड़ेगी। वहीं, फेक दाखिलों पर भी रोक लगेगी।