हरीश भारद्वाज/ हप्र
रोहतक, 24 सितंबर
किसानों को मुफ्त बिजली-पानी के सियासी दावे तो बहुत होते हैं। उन पर अमल होता है या नहीं, यह बहस का मुद्दा हो सकता है, लेकिन इस दिशा में वैज्ञानिक खोज को पंख जरूर लगे हैं। यह खोज किसानों को फसलों के साथ बिजली-पानी की सहज उपलब्धता भी कराएगी। असल में एमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा के एलटीई एआईएआरएस (एमएंडडी) संस्थान के वैज्ञानिक प्रो. वीके जैन ने ‘एग्रीवोल्टिक’ नाम से सौर ऊर्जा की ऐसी तकनीक ईजाद की है, जो छोटे किसानों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है। इसका पेटेंट भी कराया गया है। एग्रीवोल्टिक तकनीक की मदद से किसान अपने खेत में फसल को प्रभावित किए बिना बड़ी मात्रा में सौर ऊर्जा से बिजली बना सकते हैं और इसे बेचकर अतिरिक्त पैसा कमा सकते हैं। इसके साथ ही सोलर वाटर पंप का उपयोग करके सिंचाई के लिए निरंतर पानी प्राप्त कर सकते हैं। अगर घर खेत के नजदीक है, तो वहां के लिए भी बिजली उपयोग की जा सकती है।
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में पहुंचे डीआरडीओ के पूर्व निदेशक प्रो. वीके जैन ने दैनिक ट्रिब्यून से विशेष बातचीत में बताया कि प्रधानमंत्री की ओर से ग्रुप ऑफ सेक्रेट्रीज ने देश के वैज्ञानिकों से छोटे किसानों की आय बढ़ाने का ऐसा प्रपोजल मांगा था, जिसमें लागत भी कम से कम हो। देश भर से पहुंचे 50 मॉडलों में से दो चुने गए थे, जिनमें से एक मॉडल यह है। उन्होंने बताया कि एक एकड़ में 10 किलोवाट के सोलर प्रोजेक्ट से किसान अपने लिए उपयोग के बाद भी बिजली बेचकर कम से कम 10 हजार रुपये प्रतिमाह कमा सकता है। प्रो. जैन ने बताया कि इस तकनीक पर 2 साल से रिसर्च की जा रही है। इस दौरान आलू, बैंगन, ज्वार आदि फसलों का उत्पादन लिया गया, साथ ही 10 से 12 किलोवाट तक बिजली भी प्राप्त की गयी।
सूरजमुखी के फूल की तरह घूमेगा सोलर पैनल
‘एग्रीवोल्टिक’ में सोलर पैनल को इस प्रकार से डिजाइन किया गया है कि इसकी छाया से फसलों पर कोई दुष्प्रभाव न पड़े। सोलर पैनलों की ऊंचाई 16 से 20 फुट के बीच रखी गई है। साथ ही दो पैनलों के बीच इतनी फासला रखा गया है कि उसके बीच से ट्रैक्टर आसानी से जुताई कर सके। यह सोलर पैनल इस तरीके से डिजाइन किया गया है कि यह सूरजमुखी के फूल की तरह सूरज की दिशा के साथ घूमेगा। सोलर पैनल के ऊपर जमा होने वाली धूल को साफ करने के लिए भी इसमें विशेष व्यवस्था बनाई गयी है।
10 किलोवाट प्लांट पर 6 लाख तक का खर्च
वीके जैन के अनुसार, एक एकड़ में 10 किलोवाट का प्लांट लगाने पर करीब 5-6 लाख रुपये का खर्च आता है। पंचायत या अन्य किसानों के साथ मिलकर भी प्लांट लगा सकते हैं।