अम्बाला शहर, 28 जून (हप्र)
स्वास्थ्य कर्मचारी संघ हरियाणा संबंधित भारतीय मजदूर संघ के एनएचएम कर्मचारियों ने सर्विस नियम 2018 वित्त विभाग द्वारा रद्द करने की सिफारिश के विरोध में आज लगातार दूसरे दिन सिविल सर्जन कार्यालय पर धरना, प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। कर्मचारियों की हड़ताल से कई स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुईं। आज के धरना प्रदर्शन में कर्मचारियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया जिसमें लेबर रूम स्टाफ नर्स, एसएनसीयू स्टाफ, एमपीएचडब्ल्यू फीमेल, एंबुलेंस स्टॉफ , आरबीएसके, सीएचओ, डीपीएमयू यूनिट, एनसीडी स्टाफ व सभी पीएचसी सीएचसी सब सेंटर का स्टाफ प्रदर्शन में शामिल रहा। आज के धरने की अध्यक्षता जिला प्रधान तरनदीप ने की। सिविल सर्जन कार्यालय पर धरने पर बैठे कर्मियों को जिला प्रधान के अलावा एनएम लालचंद, दौलतराम ड्राइवर, सीएचओ डा. मोनिका, माइकोबाइलोजिस्ट तरुणा, स्कूल हेल्थ से डॉ. जोगिन्द्र आदि कई नेताओं ने संबोधित किया। आंदोलनरत कर्मचारियों ने बताया कि राज्य वित्त विभाग हरियाणा के अधिकारियों द्वारा 20 जून 2022 को पत्र जारी कर एनएचएम के कर्मचारियों को निश्चित पारिश्रमिक के समकक्ष वेतनमान के प्रवेश स्तर के वेतन को एकमुश्त करके देने की प्रक्रिया को रद करना प्रमुख मांग है। इसके अलावा मुख्यमंत्री हरियाणा द्वारा घोषित सातवें वेतन आयोग को शीघ्र लागू करना व वेतनमान को संशोधित करना है। इस अवसर पर अनेक कर्मचारी मौजूद रहे।
अनिश्चितकालीन भी कि जा सकी है हड़ताल
यूनियन के प्रदेश प्रचार मंत्री दिनेश कुमार कौशिक ने बताया पूरे प्रदेश में यह धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। यदि कर्मचारियों की मांगों को नहीं माना गया तो आंदोलन 3 दिवसीय से बढ़ाकर अनिश्चितकालीन किया जा सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि एनएचएम स्टाफ द्वारा अपना लिखित ज्ञापन अनेक माध्यमों से मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री व विभागीय अधिकारियों के समक्ष रखा जा चुका है लेकिन अधिकारियों के द्वारा सरकार को भ्रमित करके कोरोना योद्धाओं की छवि खराब करके उनके पेट पर लात मारने का कार्य करवाया जा रहा है।