राजेश शर्मा/हप्र
फरीदाबाद, 6 जून
दिल्ली-वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए बाईपास पर 21 किलोमीटर पर कब्जा देने का दावा हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) के अधिकारियों ने किया है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के कार्यकारी अभियंता अभी इस दावे से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं। वे मौके पर बाईपास किनारे बिल्कुल साफ जमीन चाहते हैं ताकि एक्सप्रेस-वे का काम शुरू किया जा सके।
एनएचएआई के अधिकारियों को एसएचवीपी के कार्यकारी अभियंता अजीत सिंह ने सेक्टर 2 बाईपास के चौराहे से लेकर कैली गांव तक रूट का सर्वे भी करा दिया है। यहां बाईपास के दोनों ओर जमीन पर कुछ ही कब्जे व अतिक्रमण है, जिन्हें हटाना मुश्किल नहीं है। बाकी सेक्टर 2 के चौराहे से लेकर सेक्टर-9 सर्वोदय चौक पर भी कब्जा लेने में अधिक परेशानी नहीं है। यहां से बीपीटीपी पुल तक बाईपास के एक ओर बड़े स्तर पर निर्माण हैं जिनकी वजह से परियोजना के शुरू होने में देरी हो रही है। इसके बाद एतमादपुर में काफी निर्माण हैं। आगे सेक्टर-37 तक कब्जा लेने में मुश्किल नहीं है। एचएसवीपी के संपदा अधिकारी जितेंद्र कुमार का कहना है कि हमारा प्रयास है कि जहां जमीन साफ है, वहां काम शुरू करा दिया जाए। इस बाबत एनएचएआइ अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। जल्द पूरी जमीन पर कब्जा दे देंगे।
यह रास्ता हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश के पिछड़े इलाकों से गुजरेगा और दिल्ली के साथ-साथ इन 5 पांच राज्यों के विकास में एक ग्रोथ इंजन की तरह काम करेगा। दिल्ली-वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेस वे 1290 किमी लंबा है। इस रास्ते पर जाने वालों के लिए दो शुरुआती बिंदु हैं एक सोहना रोड गुरुग्राम से होगा और दूसरा दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट फ्लाईवे से होगा।