नयी दिल्ली, 22 जून (एजेंसी)
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने हरियाणा के शहरी विकास सचिव को राज्य के बरवाला स्थित धानी गरन गांव में जलमल शोधन संयंत्र (एसटीपी) के काम करने के बारे में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि एसटीपी के शोधित जल में मल में पाए जाने वाले कॉलिफोर्म (एक प्रकार का बैक्टीरिया) के स्तर में कमी आने जैसा कोई सुधार नहीं हुआ है। अधिकरण ने कहा कि अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए और कदम उठाए जाएं और राज्य का प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड शहरी और लोक स्वास्थ्य विभागों के साथ समन्व्य में रिपोर्ट दाखिल करें।
अधिकरण ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण के कदमों को प्रभावी बनाकर जल की गुणवत्ता में सुधार सुनिश्चित किया जाए और जो जुर्माना वसूला जाए उसका इस्तेमाल राज्य के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की मंजूरी से एक कार्ययोजना बनाकर पर्यावरण के सुधार के लिए किया जाए। एनजीटी ने कहा कि 31 अगस्त, 2021 तक की अनुपालन संबंधी स्थिति की रिपोर्ट दाखिल की जाए।
इससे पहले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जो रिपोर्ट दी थी उसमें कहा गया था एसटीपी ने 50 फीसदी मुआवजा जमा करवा दिया है जबकि बाकी पर हाईकोर्ट ने रोक लगा रखी है। उल्लेखनीय है कि एनजीटी ने हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को एसटीपी से 3.24 करोड़ रूपये का जुर्माना वसूल करने का निर्देश दिया था। यह निर्देश हरियाणा निवासी किसान सुखवंती की याचिका पर दिया गया था।