दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 17 अप्रैल
हरियाणा की नयी एक्साइज पॉलिसी पर 22 अप्रैल को मुहर लग सकती है। एक्साइज डिपार्टमेंट पॉलिसी को फाइनल कर चुका है। पिछले दिनों सीएम मनोहर लाल खट्टर व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के बीच भी पॉलिसी को लेकर बैठक हो चुकी है। राज्य में आबकारी एवं कराधान विभाग दुष्यंत के पास है। पिछले साल कोविड-19 की वजह से एक्साइज पॉलिसी पहली अप्रैल की बजाय 20 मई को लागू हुई थी।
इस बार भी पॉलिसी एक साल के लिए ही बनेगी। ऐसे में पिछले साल की पॉलिसी 19 मई तक लागू रहेगी और 20 मई से नयी पॉलिसी अस्तित्व में आएगी। 22 को सीएम की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट की बैठक में नयी पॉलिसी पर मुहर लग सकती है। सरकार ने कोरोना काल की वजह से बिगड़ी आर्थिक स्थिति की आड़ में ‘कोविड सेस’ शराब की बिक्री पर लगाया था। सूत्रों का कहना है कि कोविड सेस से 1000 करोड़ रुपये के करीब सरकार के खजाने में आएंगे। इस बार सरकार ‘कोविड सेस’ नहीं लगाएगी। दरअसल, पिछले कोविड सैस का मामला हाईकोर्ट में है। इस बार अंग्रेजी शराब का कोटा बढ़ने की उम्मीद है।
मौजूदा लाइसेंस ही हो सकते हैं रिन्यू
सूत्रों का कहना है कि कोरोना से शराब के नये ठेकों के बजाय मौजूदा लाइसेंस को ही रिन्यू किया जा सकता है। अगर 70 प्रतिशत ठेकेदार लाइसेंस रिन्यू के लिए राजी हुए तो उन्हें ठेके मिल सकेंगे। अगर ऐसा नहीं हुआ तो नये सिरे से ठेकों का आवंटन किया जाएगा।
लक्ष्य से ज्यादा राजस्व की उम्मीद
पिछले साल फरवरी में घोषित की गई पॉलिसी में 7000 करोड़ रुपये के राजस्व का टारगेट रखा गया था। अहम बात यह है कि कोरोना महामारी के बावजूद विभाग अभी तक 7 हजार करोड़ से अधिक का राजस्व हासिल कर चुका है। वहीं, 19 मई तक रेवन्यू 8 हजार करोड़ को पार कर सकता है।
एक साल के लिए ही दिया जा सकता है ठेका
सूत्रों के अनुसार नयी पॉलिसी एक साल के लिए होगी। यानी 20 मई से शुरू होकर अगले साल 19 मई तक रहेगी। ड्रॉफ्ट में एक साल का ही जिक्र है। अब कैबिनेट चाहेगा तो पॉलिसी को 10 महीने के लिए भी लागू कर सकता है। संभावना इसी बात की है कि पॉलिसी एक साल के लिए ही लागू रहेगी।