ट्रिब्यून न्यूज सर्विस/हप्र
चंडीगढ़/भिवानी, 7 मई
हरियाणा सैकेंडरी शिक्षा निदेशालय ने निजी स्कूलों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम से जुड़ी पुस्तकें लागू करने के आदेश जारी किए हैं। अब प्राइवेट स्कूल अपनी मनमर्जी से निजी प्रकाशकों की पुस्तकों को बच्चों पर नहीं थोप पाएंगे और मोटा मुनाफा नहीं कमाएंगे। आरोप हैं कि प्रदेशभर के अधिकांश निजी स्कूलों में कमीशनखोरी के चक्कर में निजी प्रकाशकों की पुस्तकें लागू की जा रही थी। इसी को लेकर 2016 से मामला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में भी विचाराधीन है।
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेशाध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने हाईकोर्ट में दलील दी थी कि अधिकांश निजी स्कूल अपने मुनाफे व स्वार्थ के लिए निजी प्रकाशकों की पुस्तकें लागू कर रहे हैं। पहले शिक्षा नियमावली 2003 के संशोधित नियम 10 के अनुसार निजी स्कूलों में कोई भी पुस्तकें लगाए जाने का प्रावधान था। परमार का कहना है कि 2016 में कुछ निजी स्कूल संगठनों ने प्राइवेट प्रकाशकों की पुस्तकें लागू करने को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
इसी मामले में संगठन की तरफ से भी निजी प्रकाशकों की इस मांग को गलत ठहराया गया था। फिलहाल यह मामला अभी भी हाईकोर्ट में विचाराधीन है, लेकिन अब हरियाणा सैकेंडरी शिक्षा निदेशालय पंचकूला ने सभी निजी स्कूलों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम की पुस्तकें लागू किए जाने के आदेश जारी कर दिए हैं। निदेशालय ने ये आदेश प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों व मौलिक शिक्षा अधिकारियों को दिए हैं। परमार ने बताया कि शिक्षा नियमावली 2003 में शिक्षा निदेशक को कोई अधिकार नहीं था कि वो पाठ्यक्रम में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम की पुस्तकें लागू करें, लेकिन हरियाणा सरकार ने नियमावली में संशोधन कर यह अधिकार अब शिक्षा निदेशक को दिया है।
हरियाणा में किसी भी बोर्ड से संबंद्धता रखने वाले सभी निजी स्कूलों में अब एनसीईआरटी पाठ्क्रम में निर्धारित पुस्तकें ही लागू करनी होंगी। पाठ्यक्रम की पुस्तकों का निर्धारण भी शिक्षा निदेशक द्वारा किया जाएगा।
अभिभावकों की जीत : प्रदेश सचिव
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश सचिव भारत भूषण बंसल ने बताया कि हरियाणा सैकेंडरी शिक्षा निदेशालय ने सभी निजी स्कूलों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम की पुस्तकें अनिवार्य रूप से लागू करने के आदेश अभिभावकों की लंबी लड़ाई की जीत है। सरकार ने अभिभावकों के लिए ये बेहतर कदम उठाया है। अब शिक्षा निदेशालय निजी स्कूलों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम से जुड़ी पुस्तकों को सख्ती से लागू कराए, ताकि अभिभावकों को राहत मिले।