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हरियाणा कैबिनेट के लिए नाम शॉर्ट-लिस्ट, हाईकमान देगा अंतिम रूप

चार सदस्यीय कमेटी भी तैयार कर रही रिपोर्ट, चार जगहों से जुटाया फीडबैक

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दिनेश भारद्वाज/ ट्रिन्यू

चंडीगढ़, 15 अक्तूबर

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हरियाणा में लगातार तीसरी बार सत्ता में आ चुकी भाजपा में अब सरकार गठन की कवायद चल रही है। बुधवार को पंचकूला में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा विधायक दल की बैठक होगी। इसी में विधायक दल का नेता चुना जाएगा। इस बीच, पार्टी ने 48 विधायकों में से करीब 20 के नाम कैबिनेट में शामिल करने के लिए शॉर्ट-लिस्ट कर लिए हैं। नाम के अलावा उनका प्रोफाइल भी तैयार करके दिल्ली भेजा जा चुका है। वहीं, भाजपा नेतृत्व कैबिनेट में शामिल होने वाले नामों की लिस्ट तैयार करने के लिए चार वरिष्ठ नेताओं की ड्यूटी लगा चुका है। इनमें केंद्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष, पूर्व मुख्यमंत्री व केंद्रीय बिजली मंत्री मनोहर लाल, हरियाणा मामलों के प्रभारी रह चुके विनोद तावड़े और हरियाणा के चुनाव सह-प्रभारी बिप्लब कुमार देब शामिल हैं।

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पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दो दिन के चंडीगढ़ प्रवास के दौरान ही कैबिनेट को लेकर भी अंतिम फैसला करेंगे। दरअसल, भाजपा ने टिकट आवंटन की तरह ही मंत्रियों के नाम तय करने का भी फार्मूला बनाया है। अलग-अलग चार रिपोर्टें पार्टी हाईकमान के पास पहुंची हैं। इसमें केंद्र के अलावा संघ की भी रिपोर्ट शामिल है।

48 विधायक, कुल 16 पद : बोर्ड-निगमों के चेयरमैन पदों को छोड़ दें तो सरकार में कुल 16 पद हैं, जिन्हें लेकर विधायकों में मारामारी रहती है। सीएम सहित कुल चौदह मंत्री कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा विधानसभा में स्पीकर और डिप्टी स्पीकर का पद है। अमित शाह की मौजूदगी में इन सभी 16 पदों को लेकर विचार-विमर्श होगा।

मुख्यमंत्री और कैबिनेट में शामिल होने वाले चेहरों के साथ-साथ स्पीकर को लेकर भी बुधवार को फैसला किया जा सकता है।

शाह के आने के मायने : यह पहला मौका है जब अमित शाह को किसी राज्य में केंद्रीय पर्यवेक्षक बनाकर भेजा गया है। भाजपा नायब सिंह सैनी को चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर चुकी है। वहीं, पूर्व गृह मंत्री अनिल विज भी मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर अपना दावा ठोक चुके हैं। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह अहरीवाल की वजह से लगातार तीसरी बार सरकार बनने का दावा करते हुए दक्षिण हरियाणा की ‘चौधर’ की बात कह चुके हैं। माना जा रहा है कि इसी वजह से अमित शाह और मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव को पर्यवेक्षक बनाकर भेजा जा रहा है।

दलित कोटे से कम से कम दो मंत्री बनने तय! : मई में हुए लोकसभा चुनावों में दलित वोट बैंक भाजपा के बजाय कांग्रेस की तरफ गया था। विधानसभा चुनाव के नतीजों ने स्पष्ट कर दिया है कि भाजपा इस बड़े वोट बैंक में सेंधमारी करने में कामयाब रही है। दलितों को अपने साथ जोड़ने व उन्हें साधने के लिए ही महर्षि वाल्मीकि जयंती यानी 17 अक्तूबर के दिन सरकार का शपथ ग्रहण कार्यक्रम तय किया गया है। माना जा रहा है कि इस बार कैबिनेट व सरकार में दलितों की एडजस्टमेंट पहले से अधिक हो सकती है। दलित कोटे से कम से कम दो मंत्री बनाए जाने तय हैं।

लिस्ट में ये नाम

पार्टी की ओर से जो नाम शॉर्ट-लिस्ट किए गये हैं, उनमें कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के अलावा पूर्व गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज, पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह व विपुल गोयल, चार बार के सांसद और गोहाना के विधायक डॉ. अरविंद शर्मा, रणबीर सिंह गंगवा, नायब सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे मूलचंद शर्मा, राज्य मंत्री रहे महिपाल सिंह ढांडा, पूर्व मंत्री कृष्णा गहलोत व कृष्णलाल पंवार, घरौंडा से हैट्रिक लगाने वाले हरविंद्र कल्याण, अटेली से विधायक बनीं आरती राव, दादरी से विधायक बने जेलर सुनील सतपाल सांगवान और बंसीलाल की पोती व तोशाम से जीतीं श्रुति चौधरी शामिल हैं। शॉर्ट-लिस्ट किए गए नामों की सूची में तिगांव से लगातार दो बार विधायक बने राजेश नागर, सोहना के विधायक तेजपाल सिंह तंवर, रादौर के विधायक श्याम सिंह राणा, पटौदी की विधायक बिमला चौधरी, रेवाड़ी के विधायक लक्ष्मण यादव, तीन बार के विधायक विनोद भ्याना व डॉ. कृष्ण लाल मिड्ढा, खरखौदा के विधायक पवन खरखौदा भी शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि पार्टी नेतृत्व द्वारा इन पर मंथन के बाद कैबिनेट में शामिल होने वाले नामों को अंतिम रूप दिया जाएगा। कैबिनेट में दो से तीन पदों को खाली भी रखा जा सकता है।

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