कुरुक्षेत्र (हप्र) : सिरसा लोकसभा की सासंद सुनीता दुग्गल ने कहा कि मातृ शक्ति समाज को नई दिशा देने के लिए अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा और संस्कार दें। आज समाज सही दिशा की तरफ आगे नहीं बढ़ रहा है, आज समाज में अच्छी शिक्षा, अच्छे संस्कार और चरित्र में कमी नजर आ रही है और किसी भी देश और प्रदेश की तरक्की के लिए इन विषयों का होना बहुत जरूरी है, इसलिए नारी शक्ति देश को मजबूत करने के लिए अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें और उनका चरित्र निर्माण करने में अहम भूमिका निभाएं। वे मंगलवार को देर सायं गीता ज्ञान संस्थानम केन्द्र में स्वामी ज्ञानानंद के सान्निध्य में आयोजित मातृशक्ति और गीता विषय पर आयोजित सेमिनार में बोल रही थीं। इससे पहले सासंद सुनीता दुग्गल, हिसार के विधायक डा. कमल गुप्ता, आईएएस अधिकारी सुमेधा कटारिया, हरियाणा लोकसभा आयोग की सदस्य वंदना सैनी ने गीता पूजन कर विधिवत रूप से सेमिनार का शुभांरभ किया। इस सेमिनार में सबसे पहले स्वामी ज्ञानानंद ने मातृशक्ति और गीता विषय पर बोलते हुए कहा कि पवित्र ग्रंथ घर-घर की प्रेरणा बनाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2020 को लेकर मातृशक्ति और गीता विषय का चयन किया गया। उन्होंने सेमीनार के उद्देश्य पर विस्तार से प्रकाश डाला। सेमिनार में एचपीसीएससी की सदस्य वंदना शर्मा, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की प्रोफेसर डा. मंजुला चैधरी, सुषमा गुप्ता, लतिका शर्मा, डा. विनय कपूर,डा. नीलम सहानी सहित अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।