घरौंडा, 5 सितंबर (निस)
हाईवे के सर्विस रोड पर स्थित भगवती चंद्र मेमोरियल हॉस्पिटल में डिलीवरी के दौरान जच्चा-बच्चा दोनों की मौत हो गई। अस्पताल में प्रसूता की सिजेरियन डिलीवरी की गई थी। जच्चा-बच्चा की मौत से भड़के परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया और डाक्टरों पर लापरवाही के आरोप लगाये। गुस्साये परिजनों ने करीब चार घंटे तक शव को अस्पताल से नहीं उठाया। मृतक के परिजनों ने पुलिस को अस्पताल के खिलाफ लिखित शिकायत दी, लेकिन शाम लगभग पांच बजे उन्होंने अपनी शिकायत वापस ले ली। शनिवार की सुबह करीब आठ बजे शहर के हनुमान मंदिर इलाके की निवासी 30 वर्षीय गर्भवती महिला सीमा पत्नी आनंद भगवती चंद्र मेमोरियल अस्पताल में भर्ती करवाई गई। डॉक्टरों ने गर्भवती का चेकअप किया और बताया कि नॉर्मल डिलीवरी हो जाएगी, लेकिन कुछ देर बाद ही डॉक्टरों ने ऑपरेशन से डिलीवरी करने की बात कहीं। सीमा के जेठ सोमबीर का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन ने ऑपरेशन के लिए पानीपत से डॉक्टर बुलवाया। कुछ ही देर बाद डॉक्टर ऑपरेशन थिएटर से बाहर आए और बच्चे की मौत की बात बताई। जब सीमा की हालत के बारे में पूछा गया तो उसकी हालत ठीक बताई गई। सोमबीर व अन्य परिजनों का आरोप है कि सीमा की हालत ठीक नहीं थी, उसकी सही जानकारी देने के बजाय उन्हें दो यूनिट ब्लड व चार प्वाइंट प्लाज्मा लाने के लिए कहा गया। इसके कुछ ही देर बाद अस्पताल के डॉक्टरों ने सीमा को करनाल के लिए रेफर कर दिया। जब रेफर के लिए ले जाया जा रहा था तो सीमा की नब्ज चैक की गई, जिसमें जरा सी भी हलचल नहीं थी। सोमबीर का आरोप है कि सीमा की मौत पहले ही हो चुकी थी, अस्पताल प्रबंधन ईलाज के नाम पर उन्हें गुमराह कर रहे थे। डॉक्टरों की लापरवाही ने ही जच्चा-बच्चा की जान ली है।
“जीटी रोड स्थित एक अस्पताल में डिलीवरी के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत होने की शिकायत मिली थी। मृतका के परिजनों ने शिकायत वापिस ले ली है। वे संतुष्ट है और कोई कार्रवाई नहीं चाहते।
-कंवर सिंह, थाना प्रभारी घरौंडा