चंडीगढ़, 3 जनवरी (ट्रिन्यू)
पिछले करीब साल वर्षों में राज्य के 9 लाख से अधिक लोगों ने सीधे सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय) तक अपनी बात पहुंचाई। इनमें लोगों की शिकायतें और समस्याएं भी थी और सुझाव भी। सीएम विंडो व ट्वीटर हेंडल पर लोगों की शिकायतें व सुझाव दर्ज किए गए। अक्तूबर-2014 में पहली बार पूर्ण बहुमत से सत्ता में आई भाजपा सरकार ने 25 दिसंबर, 2014 को सीएम विंडो की शुरुआत की थी।
तब से अब तक के सात वर्षों के दौरान रोजाना 347 शिकायतों का समाधान मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा किया गया। सीएम के ओएसडीएम भूपेश्वर दयाल का कहना है कि इस व्यवस्था के जरिये लोगों को जहां सीधे सीएम तक अपनी बात पहुंचाने का प्लेटफार्म मिला, वहीं कई ऐसे सुझाव भी आए, जिन पर सरकार ने अमल किया। उन्होंने कहा कि 2624 दिनों में 9 लाख 8 हजार 24 शिकायतें/सुझाव मिले। यह इस बात को दर्शाता है कि सीएम विंडो और ट्वीटर हेंडल में लोगों का विश्वास बढ़ा है। उन्होंने कहा कि मात्र साढ़े तीन घंटे में कैथल से मिली एक शिकायत का समाधान होने से लोग इसे मानने लगे हैं। इसे आरटीआई से भी असरदार और कारगर माना जाता रहा है। सीएम विंडो के साथ-साथ ट्वीटर हेंडल पर भी युवा पीढ़ी अपने परिवार, मोहल्ले व अन्य सार्वजनिक हित की शिकायतें के बारे फोटो व वीडियो के साथ मुख्यमंत्री के ट्वीटर अकाऊंट पर पोस्ट करते हैं। उनकी शिकायतों का समाधान होने के बाद री-ट्वीट करके धन्यवाद भी किया जाता है।
2021 में सवा लाख शिकायतें पहुंची
2021 के दौरान सीएम विंडो पर आई 1 लाख 23 हजार 848 शिकायतों में से 74 हजार 752 का निपटारा किया जा चुका है। हिसार में सीए गौरव अग्रवाल ने ट्वीट करके बताया कि जिंदल अस्पताल ने 17 हजार रुपए की राशि का जो बिल क्लेम किया, वह टीपीए से अनुमोदित होने के बाद भी 850 रुपए अन-क्लेमड चार्ज के रूप में वसूली की गई। सीएमओ ने अस्पताल की लापरवाही पर संज्ञान लिया और यह राशि वापस करवाई।