रोहतक/हिसार, 6 फरवरी (हप्र)
किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि पत्थर बेशक आखिरी चोट से टूटता है, लेकिन पहले वाली चोटें बेकार नहीं जाती। प्रधानमंत्री मोदी बेशक आज अकड़ दिखा रहे हैं, लेकिन किसान संगठनों द्वारा लगातार की जा रही चोटें उनको तोड़ने का काम कर रही हैं।
चढ़ूनी ने यह बात रोहतक के मदीना टोल प्लाजा और हिसार के मय्यड़ टोल पर उपस्थित लोगों से कही। उन्होंने कहा कि पिछले 70 दिनों से किसान दिल्ली के विभिन्न बॉर्डर पर बैठे हुए हैं। चढ़ूनी ने कहा पत्थर बेशक आखिरी चोट से टूटता है लेकिन पहले वाली चोटें उसको खोखला बना चुकी होती है, इसलिए ही वह बाद वाली चोट से टूटता है। पत्थर की ही तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेशक अकड़ दिखा रहे हो लेकिन जुलाई से अब तक चले किसानों के आंदोलन की चोटों से अब अंदर से कमजोर हो चुके हैं और बाहर से टूटने बाकी है। जब तक वे नहीं टूटेंगे, उनको जितनी चोट की जरूरत होगी, किसान उनको उतनी ही चोट देगा। उन्होंने कहा कि आज का जाम सफल हुआ है। आगे सभी किसान संगठनों की एक बैठक होगी, उसके बाद अगली रणनीति पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी का षड्यंत्र किसानों में फूट डालने के लिए रचा गया था। सरकार ने इसकी कोशिश भी की, लेकिन सफल नहीं हुए। चढ़ूनी ने केंद्रीय कृषि मंत्री के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि काली नीयत वालों द्वारा बनाए गए इन कानूनों में सब कुछ काला ही काला है। यह प्रधानमंत्री और उनके उद्योगपति मित्रों को दिखाई नहीं देगा।