अम्बाला शहर, 20 अप्रैल (हप्र)
आज अचानक मौसम खराब होने और मामूली बूंदाबांदी होने से आढ़ती और किसान सकते में आ गया है। जिला की मंडियों में लाखों बोरी गेहूं लिफ्टिंग की इंतजार में है और गेहूं की कटाई और आवक तेजी से चल रही है। जिले में अभी तक करीब 33 किसान अपनी फसले बेच चुके हैं। जिस हिसाब से लाखों बोरी गेहूं मंडियों में खुले आसमान के नीचे पड़ी है और संभावना के अनुसार तेज बरसात आ जाती है तो निश्चित रूप से गेहूं को नुकसान होने की संभावना है। इसी को लेकर किसान और आढ़ती चिंतित हैं। इन दोनों वर्गों का कहना है कि गेहूं बिक जाने के बाद बोरियों में भरी जा चुकी है और उसकी जिम्मेवारी सरकार की है कि वह उसे कब उठाए लेकिन जितनी जल्दी उठान होगा उतनी जल्दी भुगतान तो मिल सकेगा। आढ़तियों की माने तो लिफ्टिंग के बाद ही किसान को भुगतान मिलना है।
दरअसल लिफ्टिंग की कमजोर व्यवस्था के चलते आढ़ती सीजन के प्रारंभ से ही ध्यान देने की बात प्रशासन को कहते रहे हैं लेकिन पहले ही दिन से उठान पटरी पर नहीं आ पाया। जिला की मंडियों में 19 अप्रैल तक 249087.3 मीट्रिक टन गेहूं सरकारी एजेंसियों द्वारा खरीदी जा चुकी है। इसमें से खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा 91547.3 मीट्रिक टन, हैफड द्वारा 141976 मीट्रिक टन व हरियाणा वेयर हाउसिंग द्वारा 15564 मीट्रिक टन गेहूं खरीदी गई है। लेकिन खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा इसी अवधि में 53.36 प्रतिशत, हैफेड ने 62.96 प्रतिशत तथा वेयर हाउस ने 58.58 प्रतिशत गेहूं को ही लिफ्ट किया है। आढ़तियों की माने तो उठान व्यवस्था चरमराने के पीछे बारदाने की कमी के अलावा भी कई अन्य कारण है। युवा आढ़ती असीम गोयल मोनू की माने तो हर वर्ष लिफ्टिंग को लेकर दिक्कत आती है लेकिन संबंधित प्रशासन कोई सबक नहीं लेता।