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मिड-डे-मील वर्कर 3 दिसंबर को करेंगी संसद पर प्रदर्शन

कैथल, 9 नवंबर (हप्र) न्यूनतम वेतन बढ़ौतरी, पक्की नौकरी, पेंशन लाभ देने की मांग को लेकर मिड डे मील वर्कर 3 दिसंबर को संसद पर प्रदर्शन करेंगी। यह जानकारी मिड डे मील वर्कर्स फैडरेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व...

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कैथल में शनिवार को नारेबाजी करतीं मिड डे मील वर्कर। -हप्र
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कैथल, 9 नवंबर (हप्र)

न्यूनतम वेतन बढ़ौतरी, पक्की नौकरी, पेंशन लाभ देने की मांग को लेकर मिड डे मील वर्कर 3 दिसंबर को संसद पर प्रदर्शन करेंगी। यह जानकारी मिड डे मील वर्कर्स फैडरेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व सीटू प्रदेश महासचिव जय भगवान ने हनुमान वाटिका में जिले की मिड डे मील वर्कर्स की आम सभा में दी। सभा की अध्यक्षता सुनीता और राजो ने की व कविता ने संचालन किया।

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उन्होंने कहा कि देश में 25 लाख के करीब मिड डे मील वर्कर काम कर रही हैं। ये देश के 12 करोड़ बच्चों के लिए दोपहर का भोजन बनाती हैं। यह बहुत दुखद है कि महिलाओं के सशक्तीकरण का दावा करने वाली केन्द्र सरकार द्वारा पिछले 11 साल से मिड डे मील वर्कर के मानदेय में एक रुपये की भी बढ़ौतरी नहीं की गई। केन्द्र सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति एनइपी 2020 लेकर आई है। उसमें कम बच्चों वाले स्कूलों को बंद किया जा रहा है और स्कूल मर्ज किए जा रहे हैं। देश भर में इसके चलते हजारों स्कूल बंद हो चुके हैं। हरियाणा सरकार 5 हजार स्कूलों को बंद कर चुकी है। इनमें अधिकतर लड़कियों के प्राथमिक स्कूल हैं। सरकार की इन्हीं नीतियों के चलते पिछले 10 साल में ही देश में करीब 2 लाख मिड डे मील वर्कर्स का रोजगार छीना गया है। इसके खिलाफ हजारों वर्कर्स 3 दिसंबर को दिल्ली पहुंचेंगी। मिड डे मील यूनियन के जिला सचिव सत्यवान, सीटू जिला सचिव नरेश कुमार ने कहा कि वर्करों से भारी बेगार करवाई जा रही है। मानदेय केवल 10 महीने का मिलता है जबकि काम 11 महीने करना पड़ता है।

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