सिरसा, 22 अगस्त (हप्र)
जननायक चौधरी देवीलाल विद्यापीठ में जैन तेरापंथ की विदूषी जयंत प्रज्ञा एवं सन्मति प्रज्ञा के सान्निध्य में नारी जागृति विषय पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। दो चरणों में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता जयंत प्रज्ञा ने कहा कि नारी का मानवता के इतिहास में महत्व स्थान है। नारी के कारण ही राष्ट्रों का उत्थान व पतन हुआ है। संस्कृति की धाराएं फैली सिमटी हैं, धर्म का उत्कर्ष अपकर्ष और मानव मानव के बीच के संबंध सुधरे और बिगड़े हैं। समणी सन्मति प्रज्ञा ने अपने अभिभाषण में कहा कि नारी सशक्तीकरण से पूर्व नारी को आध्यात्मिक रूप से जागृत होना होगा। कार्यक्रम के मुख्यातिथि प्रो. कुलदीप सिंह ढींडसा ने कहा कि नारी को शिक्षित होना जरूरी है। समाज की ओर कोई बेटी दहेज के कारण प्रताड़ित न हो। उन्होंने नारी शिक्षा और विवाह के लिए अपनी ओर से सहयोग देने की घोषणा की। इस दौरान पदम गुजरानी ने मुख्यातिथि का परिचय दिया। तेरापंथ सभा के अध्यक्ष देवेंद्र डागा ने स्वागत अभिभाषण प्रस्तुत किया। युवक परिषद महिला मंडल ने मंगलाचरण का सहगान किया। कार्यक्रम के दूसरे चरण में नारी जागृति पर आधारित जैन इतिहास की घटना चंदनाबाला का नाटक मंचित किया गया। नाटिका में स्थानीय तेरापंथ महिला मंडल की युवतियों, कन्याओं और ज्ञानशाला के विद्यार्थियों ने बखूबी अभिनय किया।
इस अवसर पर तेरापंथ के हनुमानमल गुजरानी, हरियाणा सभा के अध्यक्ष मक्खनलाल जैन, तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्ष कुसुम जैन, युवक परिषद के अध्यक्ष आनंद सुराणा, अणुव्रत के अध्यक्ष रविंद्र जैन एडवोकेट ने भी अपने विचार रखे।