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सबसिडी से महंगे दामों पर मिली दवाएं

प्रदेश के गन्ना उत्पादकों पर फिर पड़ी मार

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सुरेंद्र मेहता /हमारे प्रतिनिधि

यमुनानगर, 19 अप्रैल

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हरियाणा के गन्ना उत्पादक किसानों को सरकार द्वारा जो दवाएं सबसिडी पर उपलब्ध करवाई जाने की आदेश दिए गए थे, वह दवाएं किसानों को महंगे दामों पर मिली। यह सब शुगर केन अधिकारियो और शुगर केन

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ग्रोवर सोसाइटी के कर्मचारी, अधिकारियों की मिली भगत के चलते संभव हुआ है। इसकी शिकायत के बाद हुई जांच में सभी आरोप सही पाये गए, लेकिन कार्रवाई अभी तक कुछ नहीं हुई। बताया जाता है कि यमुनानगर के गन्ना उत्पादक किसान सतपाल कौशिक ने हरियाणा सरकार को एक शिकायत भेजी, जिसमें कहा गया कि गन्ना उत्पादकों को गन्ने की फसल के लिए मिलने वाली कीटनाशक, फंगीसाइड व खरपतवार नाशक दवाएं 11 प्रतिशत अनुदान के बाद भी बाजार भाव से महंगे रेट पर दी गई है। सरकार ने उप कृषि निदेशक को मामले की जांच के लिए लिखा। उप कृषि निदेशक ने इस सारे मामले की गहराई से जांच करवाई। जांच के बाद उन्होंने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के महानिदेशक को भेजी रिपोर्ट में बताया की बाजार में पेस्टिसाइड का जो मूल्य है उसमे व टेंडर के मूल्य में अंतर है। जांच में यह पाया गया की धानुका की सेमरा दवा का मूल्य 1300 रुपये है जिसमें 143 रुपये का अनुदान देने के पश्चात दवाई का मूल्य 1157 रुपये बताया गया है। प्राइवेट पेस्टिसाइड विक्रेता उसे 1250 रुपये टैक्स सहित दे रहा है, जबकि इसमें किसी तरह का कोई अनुदान नहीं है। अगर इसमें अनुदान राशि निकाल दी जाए तो मूल्य 1107 रुपए आएगा। जॉच में केन ग्रोवर सोसायटी के रेट व बाजार के रेट में अधिक अंतर पाया गया। डीलर अपना मुनाफा भी ले रहा है । उन्होंने जांच रिपोर्ट में लिखा कि केन काउंसिल एवं दी केन ग्रोवर समिति द्वारा इस मामले में कोई भी सही जवाब नहीं दिया गया। समिति द्वारा सेमरा दवाई की बिलिंग 1800 रुपये प्रति पैकेट के हिसाब से की गई है, जबकि यह बिलिंग 1300 के हिसाब से होनी चाहिए थी।

किसानों के बिल, साथ में संलग्न रिकॉर्ड में कई तरह की खामियां पाई गई हैं, जो की शंका पैदा करती हैं। उन्होंने अपनी जांच में यह भी कहा है कि समिति के अधिकारियों ने तथ्य को छुपाने की कोशिश की है। यह जांच रिपोर्ट हरियाणा सरकार को भेजी गई है। लेकिन उसके बावजूद सरकार ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की। गन्ना उत्पादक किसान सतपाल कौशिक का कहना है कि यह बहुत बड़ा घोटाला है, जिसकी गहराई से जांच होनी चाहिए और दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

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