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राजकीय सम्मान के साथ शहीद मेजर आशीष का अंतिम संस्कार

शहीदों की चिताओं पर हर बरस लगेंगे मेले...
पानीपत के गांव बिंझौल में शुक्रवार को शहीद मेजर आशीष के पार्थिव शरीर पर मुख्यमंत्री की तरफ से पुष्प चक्र अर्पित करते डीसी वीरेंद्र दहिया। -निस
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पानीपत, 15 सितंबर (निस)

कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों से लोहा लेते हुये अपने प्राण न्यौछावर करने वाले मेजर आशीष धौंचक का शुक्रवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव बिंझौल में अंतिम संस्कार किया गया। चचेरे भाई मेजर विकास ने उन्हें मुखाग्नि दी। उनकी अंतिम यात्रा में शहीद मेजर को श्रद्धांजलि देने व नमन करने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। मेजर आशीष धौंचक को सेना की टुकड़ी ने सशस्त्र सलामी दी। इससे पहले शुक्रवार सुबह सेना का वाहन उनके पार्थिव शरीर को टीडीआई स्थित उनके नये घर पर अंतिम दर्शन के लिए लाया। उसके बाद उनके पार्थिव शरीर को गांव बिंझौल ले जाया गया। उनकी अंतिम यात्रा में हजार लोग शामिल हुए और रास्ते में जगह-जगह उनके पार्थिव शरीर पर लोगों ने पुष्प वर्षा की। रास्ते में कई स्थानों पर स्कूली बच्चों ने सड़क किनारे खड़े होकर हाथों में तिरंगा लेकर भारत माता की जय के नारे लगाये।

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लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडे ने अर्पित किया पुष्प चक्र

बिंझौल गांव के श्मशान घाट में लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडे, पानीपत ग्रामीण विधायक महिपाल ढांडा, पानीपत शहरी विधायक प्रमोद विज ने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित किए। जबकि भाजपा जिला अध्यक्ष डॉ अर्चना गुप्ता, एसपी अजीत सिंह शेखावत, राज्यसभा सांसद कृष्णलाल पंवार के भाई रोहताश पंवार, एडीसी वीना हुड्डा, एसडीएम अमनदीप सिंह, वरिष्ठ कांग्रेस नेता सचिन कुंडू, जिला परिषद के वाईस चेयरमैन आर्य सुरेश मलिक, भाजपा नेता संजय छौक्कर, पार्षद विजय जैन, इनेलो नेता रणबीर देशवाल, सामाजिक कार्यकर्ता नवीन जयहिंद ने पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर भाजपा मडल अध्यक्ष नरेन्द्र बिंझौल, सरपंच प्रदीप बाल्मिकी, पार्षद लोकेश नागरू, संजरव दहिया, पूर्व सरपंच रविंद्र धौंचक, चरण सिंह व जयचन्द, जसवंत नंबरदार, सुखवीर सिंह व गुलाब सिंह ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

टीडीआई सिटी में अपनी पसंद से बनवाया था नया घर

शहीद मेजर आशीष धौंचक के पार्थिव शरीर को शुक्रवार सुबह टीडीआई सिटी स्थित उनके नए मकान में लाया गया। मेजर आशीष पिछले 2 साल से अपनी पसंद के अनुसार अपना मकान बनवा रहे थे। मकान लगभग बन गया है। अगले माह 23 अक्तूबर को आशीष का जन्मदिन था और परिवार उनके जन्मदिन पर जागरण करवाका गृह प्रवेश करना था। आशीष के पिता लालचंद एनएफएल से रिटायर होने के बाद अब सेक्टर-7 में किराये के मकान में रह रहे हैं और टीडीआई में नया मकान बनाया गया है। गांव में महिलाएं अक्सर श्मशान घाट नहीं जाती और किसी भी परिवारिक सदस्य की मौत होने पर घर पर ही अंतिम विदाई दी जाती है। गांव बिंझौल में मेजर आशीष को अंतिम विदाई देने के लिये उनकी ढाई साल की बेटी वामिका को गोद में लेकर उनकी बहन श्मशान घाट पहुंची। आशीष के शहीद होने की सूचना मिलने के बाद से गांव बिंझौल में मातम का माहौल है।

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