Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

मामूली आवक में ही मंडियां भरी, स्थिति बेकाबू होने के आसार

जितेंद्र अग्रवाल/हप्र अम्बाला शहर, 5 अक्तूबर मिलरों और सरकार के बीच टकराव के चलते धान खरीद सीजन पर लगे ग्रहण के असर के चलते अब मंडियों में जाम की स्थिति आने लगी है, यदि टकराव नहीं टला तो आने वाले...
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
अम्बाला शहर शनिवार को शहर अनाज मंडी में चारों ओर धान के लगे ढेर। -हप्र
Advertisement

जितेंद्र अग्रवाल/हप्र

अम्बाला शहर, 5 अक्तूबर

Advertisement

मिलरों और सरकार के बीच टकराव के चलते धान खरीद सीजन पर लगे ग्रहण के असर के चलते अब मंडियों में जाम की स्थिति आने लगी है, यदि टकराव नहीं टला तो आने वाले समय में स्थिति काफी बदतर हो सकती है। हालत यहां तक बिगड़ गई है कि इस बार अब तक हुई करीब 7.63 लाख क्विंटल में से खरीद एजेंसियों ने मात्र 2.88 लाख क्विंटल की ही खरीद की और मात्र 27588 क्विंटल धान की ही उठान की। कुल मिलाकर 3 दिन के सीजन में ही मंडियों में करीब 7 लाख बोरी धान उठान की इंतजार में हो गया है।

जिला की मंडियों में गत वर्ष की तुलना में धान की आवक में काफी कमी रिकार्ड की गई है। गत वर्ष 13.69 लाख क्विंटल की तुलना में इस बार मात्र 7.63 लाख क्विंटल की ही आवक हुई। क्षेत्र की सबसे बड़ी अम्बाला शहर की अनाज मंडी में ही 1.71 लाख क्विंटल आवक की अपेक्षा अभी तक मात्र 83707 क्विंटल आवक ही दर्ज हुई, जिसमें से मात्र 14500 क्विंटल धान ही उठान हुई है।

कमोबेश यही हाल नन्यौला, नारायणगढ़, शहजादपुर, भड़ी और कड़ासन मंडियों व खरीद केंद्रों का है, जहां गत वर्ष की तुलना में काफी कम आवक दर्ज की गई है। धान की धीमी खरीद के कारण किसानों में नाराजगी है। भारतीय किसान मजदूर यूनियन सुरेश कोथ के जिला प्रधान सुखविंद्र सिंह जलबेड़ा ने कहा कि धान के भंडारण की व्यवस्था करना सरकार का काम है, यदि किसानों की धान मंडी में आने के बाद तुरंत नहीं बिकेगी तो यूनियन को अपनी रणनीति बनाने पर मजबूर होना पड़ेगा।

आढ़ती एसोसिएशन के जिला प्रधान दूनी चंद दानीपुर की माने तो शहर मंडी में चारों ओर धान से निकले कबाड़े का कब्जा हो चुका है। धान की सफाई के समय निकलने वाला कबाड़ बीच सड़कों के यूं ही छोड़ा जा रहा है, यही कबाड़ नालियों में पहुंच कर निकासी को अवरुद्ध कर रहा है। व्यवस्था धीरे धीरे चरमरा रही है।

मिलर्स एसोसिएशन के प्रधान संजीव गर्ग ने बताया कि अभी तक मिलर्स ने मिलिंग के लिए खरीद एजेंसियों के साथ कोई अनुबंध और पंजीकरण नहीं किया है। कोई भी मिलर काम नहीं कर रहा, जिससे मंडियों से उठान संभव नहीं है। सरकार को उचित मांगों को तुरंत मानकर टकराव समाप्त करना चाहिए। यदि व्यवस्था बिगड़ती है तो निश्चित रूप से सरकार ही जिम्मेवार होगी।

सभी एजेंसियों के अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं कि मंडियों से धान खरीदने के बाद लिफ्टिंग के कार्य में जरा-सी भी देरी नहीं होनी चाहिए। साथ ही किसानों की फसल के भुगतान राशि भी निर्धारित समयावधि के अंदर खातों में जमा होनी चाहिए। जो भी एजेंसी उठान व भुगतान कार्य में लापरवाही बरतेगी, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। 

-पार्थ गुप्ता, उपायुक्त अम्बाला।

Advertisement
×