पुरुषोत्तम शर्मा/हप्र
सोनीपत, 4 दिसंबर
किसानों का आंदोलन केवल राहगीरों और प्रशासन के लिए ही गले की फांस नहीं बना है, बल्कि यह व्यापारियों के लिए भी संकट का सबब बन गया है। वजह यह है कि किसानों ने जहां डेरा लगाया है, उस इलाके में बड़े-बड़े शॉपिंग मॉल हैं, तो नामी कंपनियों के शोरूम भी हैं। पिछले नौ दिनों से यहां किसानों डेरा जमाए बैठे हैं। ऐसे में इनका कारोबारी पूरी तरह से ठप है। ये भी नहीं पता कि यह आंदोलन औेर कितने दिन चलेगा। किसानों का आंदोलन जितना तेजी से बढ़ रहा है, उतनी ही परेशानी कुंडली क्षेत्र के कामकाजी, दुकानदारों और व्यापारियों की बढ़ रही है।

हालात उतने ही गंभीर होते जा रहे हैं कि कारोबारी संकट में आ गए हैं। एक अनुमान के अनुसार कुंडली से रसोई गांव तक जीटी रोड के दोनों के दुकानदारों, शोरूम मालिकों व मॉल्स को अब तक 100 करोड़ से भी ज्यादा का नुकसान हो चुका है। यहां की दुकानें व शोरूम जहां लगातार बंद हैं तो वहीं, मॉल परिसरों में भी किसानों का जमावड़ा है। लगातार व्यापार ठप रहने से आसपास के लोगों ने चिंता जताई है।
सप्ताहभर से चल रहे किसान आंदोलन के कारण इनका धंधा बंद हो गया है। इससे पहले कोरोना संक्रमण से पांच महीने तक इनका कामकाज बंद रहा था। अब थोडी आस जगी थी, तो अब आंदोलन ने कमर तोड़ दी। किसानों के आंदोलन से सभी फैक्टरियों में उत्पादन लगातार कम हो रहा है। इनके समक्ष अपने कारिंदों को भी पैसे देने में दिक्कत आ रही है। कुंडली में दवा की दुकान चलाने वाले दीपक ने बताया कि आंदोलन के कारण सात दिन से दुकानें बंद हैं। वे दुकान खोलते भी हैं, तो ग्राहक ही नहीं आ रहे हैं। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ धरना दे रहे किसानों को समर्थन देने के लिए पंजाब से किसान लगातार पहुंच रहे हैं। इस बीच हार्ले डेविडसन बाइक की सवारी करने वाले युवा किसान कुंडली बॉर्डर पर समर्थन देने पहुंचे। करीब 285 किलोमीटर लुधियाना से हार्ले डेविडसन बाइकों पर पहुंचे युवा किसानों के जत्थे ने कहा कि सरकार किसानों से मनमानी नहीं कर सकती। सरकार को उन्हें तुरंत प्रभाव से वापस लेना चाहिए। पीयू सेंट राइडर क्लब के सदस्यों खन्ना निवासी हरनेक सिंह वैनीवाल और लुधियाना के गगन आदि ने कहा कि अन्नदाता को तकलीफ होगी, तो पूरा देश उनके साथ आकर खड़ा हो जाएगा।
95 प्रतिशत तक आई गिरावट
व्यापारी राजेश ने बताया कि सब कुछ ठप पड़ा है। लोगों का आवागमन ही नहीं हो रहा है, तो दुकानों में बिक्री कैसे होगी। जो छोटी-छोटी दुकान खुल रही हैं, रेहड़ी वाले दुकान लगा रहे हैं, उस पर 95 प्रतिशत तक बिक्री में गिरावट है। यदि जल्दी से मसला नहीं हल हुआ, तो उनके समक्ष भुखमरी की नौबत आ जाएगी।
प्रशासन से संवाद करने को किसानों की बनेगी समिति
सोनीपत (हप्र) : कुंडली बॉर्डर पर लगातार बढ़ रहे किसान आंदोलन को देखते हुए प्रशासन ने समन्वय समिति गठित करने की तैयारी शुरू कर दी है। ताकि इस समन्वय समिति के जरिये हर मुद्दे पर किसान और प्रशासन का संवाद हो सके। डीसी ने इसके लिए बैठक करके किसान नेताओं से समिति के लिए नाम मांगे हैं। इसे लेकर डीसी श्यामलाल पूनिया ने धरनारत किसानों से अपील की कि वह दर्जनभर किसानों की एक विशेष समिति का गठन करें। जो जिला प्रशासन के साथ नियमित तौर पर संवाद स्थापित कर सके। गठित समिति किसानों की परेशानियों की जानकारी भी दे, ताकि उन्हें दूर किया जा सके। साथ ही जिला प्रशासन और धरनारत किसानों के बीच बेहतरीन तालमेल स्थापित करने में प्रमुख भूमिका निभायें। डीसी पूनिया शुक्रवार को धरनारत किसानों के प्रतिनिधियों के साथ आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक एचएसआईआईडीसी राई में हुई। इसमें अग्रणी किसानों ने हिस्सा लिया। डीसी व एसपी जशनदीप सिंह रंधावा ने किसानों से महत्वपूर्ण बातचीत की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर धरनारत किसानों के साथ संवाद जरूरी है, ताकि किसी भी प्रकार की अफवाहों का दौर गरम न हो। जिला प्रशासन की ओर से किसानों के लिए पेयजल, बिजली तथा सफाई और मोबाइल शौचालयों की व्यवस्था की गई है। इसके पहले डीसी ने आसपास के गांवों के सरपंचों की बैठक लेते हुए आवागमन को लेकर समीक्षा की। उन्होंने सरपंचों से जानकारी ली कि उन्हें किसी प्रकार की कोई परेशानी तो नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि यह औद्योगिक क्षेत्र है। ऐसे में श्रमिकों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होनी चाहिए।