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चकबंदी से परेशान माई खुर्द ग्राम पंचायत ने किया मतदान का बहिष्कार

प्रदीप साहू/हप्र चरखी दादरी, 21 मई प्रदेश में लोकसभा चुनाव के मतदान का समय बेहद नजदीक आ चुका है। पांच साल में आने वाले इस चुनावी महापर्व को लेकर लोगों में खासा उत्साह भी देखने को मिल रहा है। इसके...

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बाढड़ा मे मंगलवार को चकबंदी मामले को लेकर आयोजित बैठक में किसानों को संबोधित करते किसान नेता राजू मान। -हप्र
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प्रदीप साहू/हप्र

चरखी दादरी, 21 मई

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प्रदेश में लोकसभा चुनाव के मतदान का समय बेहद नजदीक आ चुका है। पांच साल में आने वाले इस चुनावी महापर्व को लेकर लोगों में खासा उत्साह भी देखने को मिल रहा है। इसके विपरीत चकबंदी की समस्या से परेशान बाढ़ड़ा विधानसभा के गांव माई खुर्द के लोग मतदान से दूरी बनाने का पूरी तरह से मन बना चुके है। इसके लिए उन्होंने ग्राम पंचायत की आमसभा में प्रस्ताव पहले ही पास कर दिया था और अब डोर टू डोर जाकर पंचायत के इस फैसले से ग्रामीणों को अवगत करवा रहे हैं। सरपंच कृष्ण कुमार का कहना है कि जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों से मिलने की बाद उनकी मांग पर गौर नहीं फरमाया गया तो वे इस प्रकार का निर्णय लेने को मजबूर हुए हैं।

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गांव माई खुर्द सरपंच कृष्ण कुमार शर्मा ने बताया कि बीते गांव की चकबंदी का कार्य हरसैक कंपनी द्वारा गांव की सहमति के बिना करवाने का पत्र ग्राम पंचायत को प्राप्त हुआ था। जिसके बाद ग्रामीणों में इसको लेकर रोष था और उन्होंने बैठक कर चकबंदी कार्य को मैनुअल करवाने पर सहमती जताई थी। जिस पर होने वाले खर्च को पूर्ण रूप से वहन करने में ग्रामीण तैयार हैं। उन्होंने बताया कि जून 2023 को चकबंदी का रिकॉर्ड हरसैक कंपनी को दिया गया था लेकिन फील्ड पर कोई काम नहीं हुआ। सरपंच ने बताया कि इसको लेकर वे स्थानीय सांसद धर्मबीर सिंह, विधायक नैना चौटाला, जिला उपायुक्त व भू-राजस्व व चकबंदी से संबंधित अधिकारियों से मिले लेकिन किसी ने उनकी सुध नहीं ली । जिसके चलते चकबंदी का कार्य अधर में हैं और ग्रामीणों को रास्तों से संबंधित व दूसरी समस्याओं को सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों की मांग पर संज्ञान नहीं लिए जाने पर बीते 24 अप्रैल को आमसभा की बैठक आयोजित कर प्रस्ताव पास किया गया था जिसमें सभी ने निर्णय लिया था कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं की जाएगी वे लोकसभा व विधानसभा चुनाव में मतदान नहीं करेंगे। गांव माई खुर्द सरपंच कृष्ण कुमार शर्मा ने बताया कि 24 अप्रैल को आम सभा में मतदान नहीं करने का प्रस्ताव पास किया गया था। जिसमें उनके साथ गांव के सभी 7 पंचों ने सहमति जताई थी। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत अपने इस निर्णय पर अड़िग है और वर्तमान में डोर टू डोर जाकर गांव के मौजिज लोग ग्रामीणों से मतदान नहीं करने की अपील कर रहे हैं। इसके अलावा गांव में चुनाव प्रचार के दौरान किसी राजनीतिक दल के कार्यक्रम भी आयोजित नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि गांव में करीब 1000 वोट हैं और कोई ग्रामीण मतदान नहीं करेगा।

गांव में हैं 800 एकड़ जमीन

सरपंच कृष्ण कुमार ने बताया कि उनके गांव में करीब 800 एकड़ जमीन है। उनके साथ लगते व आसपास के दूसरे गांवों में चकबंदी का कार्य हो चुका है, लेकिन आज तक उनके गांव में चकबंदी नहीं हुई है जिससे ग्रामीणों को आने-जाने के रास्ते सहित दूसरी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। बाढ़ड़ा विधानसभा क्षेत्र के ही गांव दातौली में बीते चुनाव के दौरान मतदान का बहिष्कार देखने को मिला था। लंबे समय से चली आ रही पेयजल समस्या से परेशान ग्रामीणों ने उनकी समस्या का समाधान नहीं होने पर मतदान से दूरी बना ली थी।

डीसी से इसको लेकर की है बात : एसडीएम

बाढ़ड़ा एसडीएम सुरेश कुमार ने कहा कि मामले को लेकर डीसी से बात की गई है उन्होंने जल्द समस्या का समाधान करवाने का आश्वासन दिया है। एसडीएम ने कहा कि मतदान नहीं करना किसी समस्या का समाधान नहीं है। चुने हुए प्रतिनिधि ही उनकी समस्याओं को हल करवाने में मदद करेंगे इसलिए मतदान करना चाहिए। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की है कि लोकतंत्र को सुदृढ़ करने के लिए मतदान अवश्य करें।

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