चरखी दादरी (निस) : किसान नेता राकेश टिकैत के समर्थन व तीनों कृषि कानूनों को वापस करवाने को लेकर दादरी जिले की तमाम खापों से हजारों की संख्या में लोग ट्रैक्टर ट्रालियों, गाडिय़ों, व मोटरसाइकिलों से दादरी-भिवानी टोल पर आयोजित महापंचायत में पहुंचे। वाहनों व लोगों की भारी भीड़ को देखकर प्रशासन द्वारा रूट को डायवर्ट किया गया। महापंचायत को किसान नेता राकेश टिकैत, सांगवान खाप की ओर से निर्दलीय विधायक व सांगवान खाप प्रधान सोमबीर सांगवान व फौगाट खाप प्रधान बलवंत फौगाट सहित अन्य लोगों ने संबोधित किया। उन्होनें कहा कि सरकार जब तक उनकी मांगों को नही मान लेती, तब तक कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की लड़ाई जारी रहेगी। इस दौरान महापंचायत में दादरी जिले से पहुंचे खापों के प्रधान, पदाधिकारियों के अलावा अन्य संगठनों के नेता व सभी बिरादरी के लोग उपस्थित थे।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।