
प्रतीकात्मक चित्र
नयी दिल्ली, 19 अगस्त (एजेंसी)
सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के जजों के रूप में नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा अनुशंसित दो वकीलों के नामों को रोक दिया है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के जजों के तौर पर पदोन्नति के लिए जुलाई में 13 वकीलों के नाम की सिफारिश की थी। इस सिफारिश के आधार पर सरकार ने 14 अगस्त को 11 वकीलों की जजों के तौर पर नियुक्ति को अधिसूचित किया था, लेकिन उसने दो वकीलों एचएस बराड़ और कुलदीप तिवारी के नाम रोकने का फैसला किया। न्यायपालिका में सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया से अवगत सूत्रों ने एक वकील के खिलाफ कुछ पुराने आरोपों और दूसरे वकील के पास अनुभव की कमी एवं उम्र कम होने का जिक्र करते हुए कहा कि उनके नाम विधि मंत्रालय ने रोक लिए हैं। हाईकोर्ट का जज बनने के लिए किसी उम्मीदवार की आयु 45 वर्ष से 55 वर्ष के बीच होनी चाहिए। सूत्रों ने कहा कि सरकार ‘उचित समय' पर दोनों नामों पर ‘विचार-विमर्श करके कोई रुख' अपनाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार को सुप्रीम कोर्ट की सिफारिशों पर पुनर्विचार करने का अधिकार है।
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