गुरुग्राम, 18 अगस्त (हप्र)
प्रदेश का सबसे अमीर नगर निगम सीवर की सफाई कार्य सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के खिलाफ मानवीय तरीके से करवा रहा है। 3 साल पहले सीवर सफाई कार्य के लिए रोबोट खरीदे लेकिन अब किसी अधिकारी को नहीं पता कि ये रोबोट कहां हैं। खास बात यह है कि सीवर सफाई कार्य रोबोटिक तरीके से करवाने के दावे पर ही नगर निगम ने करीब 50 लाख रुपये खर्च कर डाले।
3 साल पहले गुरुग्राम नगर निगम के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से सीवर की सफाई करने वाले रोबोट का उद्घाटन करवाया था। उस समय अधिकारियों ने दावा किया था कि सीवर की सफाई मानवीय तरीके से बंद कर दी गई है। साथ ही प्रत्येक जोन में इस कार्य के लिए निगम की ओर से रोबोट खरीदने की बात कही गई थी। रोबोट खरीदे भी गए लेकिन ये रोबोट अब कहां हैं इसकी जानकारी किसी को नहीं है।
चोक पड़ी सीवरेज व्यवस्था की सफाई के लिए कई कंपनियों को ठेका दे रखा है लेकिन ज्यादातर स्थानों पर सफाई कार्य मानवीय तरीके से करवाया जा रहा है। निगम क्षेत्र के जोन चार स्थित बादशाहपुर के टीकली रोड समेत कई हिस्सों में बीते करीब छह महीनों से सीवर चैंक पड़े हैं। इनकी सफाई का कार्य करीब 20 दिनों से करवाया जा रहा है। इस कार्य के लिए सुपर शकर मशीनें तो ठेकेदार द्वारा इस्तेमाल की जा रही हैं लेकिन फिर भी मेनहोल में सफाईकर्मियों को उतारकर सफाई करवाई जा रही है। स्वच्छता मित्र अभियान के नोडल ऑफिसर एवं सुप्रिटेंडिंग ऑफसर राधेश्याम शर्मा का दावा है, ‘नगर निगम के पास 3 रोबोट हैं। इन्हें सीवर सफाई कार्य में इस्तेमाल किया जाता है।’ जोन चार में टीकली रोड पर सीवर की सफाई का कार्य ठेकेदार के कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा है। ठेकेदार मानवीय तरीके से सीवर की सफाई करवा रहा है तो इसकी जांच कर, जवाब मांगा जाएगा।
दावे के प्रचार पर ही 50 लाख खर्च की योजना
नगर निगम की ओर से स्वच्छता मित्र अभियान के दौरान दावा किया जा रहा है कि निगम क्षेत्र में कहीं भी सीवरेज की सफाई मानवीय तरीके से नहीं की जाती क्योंकि इसमें श्रमिक की जान का जोखिम ज्यादा होता है। इसी साल इस दावे का प्रचार करने पर 50 लाख रुपये खर्च करने की योजना तैयार की है। इसमें से करीब 23 लाख रुपये का कार्य कर दिया गया है बताया जाता है। इस बारे में सफाई कर्मचारी नेता नरेश मलकट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि सीवर की सफाई सुपर शकर, जेटिंग मशीन या रोबोट से करवाई जाए। लेकिन हर रोज सफाईकर्मियों की ओर से ऐसी शिकायतें मिल रही हैं कि अधिकारी उन्हें सीवर मेनहाॅल में उतरने के लिए मजबूर करते हैं।