बाबैन-लाडवा (निस) : लाडवा के पुराने डाकखाने के नजदीक समाजसेवी संदीप गर्ग लाडवा ने लाडवा रसोई के नाम से एक रसोई का शुभारंभ किया है। इसमें अब प्रतिदिन लगभग 500 लोग मात्र पांच रुपए में दोपहर का भरपेट भोजन कर रहे हैं। प्रतिदिन दोपहर 12 बजे लेकर दो बजे तक शहर की धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारी व सदस्य आकर लोगों को भोजन वितरित करते हैं और सेवा भी कर रहे हैं। लाडवा रसोई में मंगलवार को पंतजलि योग संस्थान के तहसील प्रभारी हरविन्द्र सिंह अपने सदस्यों के साथ ड्यूटी देने पहुंचे। उन्होंने कहा कि मंगलवार को उनके संस्थान के सदस्यों की ओर से लगभग 500 से अधिक लोगों को मात्र पांच रुपए में भरपेट भोजन वितरित किया गया। इस मौके पर ओमप्रकाश मल्होत्रा, सुमन गर्ग, अजय पोपली, सन्नी गर्ग, वीरभान बावा, जयकिशन आर्य आदि मौजूद थे।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।