विनोद जिंदल/हप्र
कुरुक्षेत्र, 14 अगस्त
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को पूर्ण रूप से लागू कर दिया है। इस प्रकार कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय पूर्ण राष्ट्रीय नीति लागू करने वाला प्रदेश का नहीं बल्कि देश का भी पहला विश्वविद्यालय बन गया है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पहला विश्वविद्यालय बनने पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जहां विश्वविद्यालय के प्रयास की सराहना की वहीं कुवि के कुलपति सोमनाथ सचदेवा को बधाई भी दी। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों तथा महाविद्यालयों में 2025 तक लागू करने का निर्णय लिया है। इस नीति को अभी कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने जहां पूर्ण रूप से अपनाया है, वहीं अन्य विश्वविद्यालयों में भी किसी न किसी रूप और स्तर पर इसे अपनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल रविवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सीनेट हाॅल में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के अवसर पर बोल रहे थे। इससे पहले उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा लागू की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से संबंधित स्मारिका का विमोचन भी किया। उन्होंने कहा कि आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। भारत विश्व में तीसरी बड़ी आर्थिक शक्ति के रूप में उभरकर सामने आया है, लेकिन केवल भौतिक शक्ति से काम नहीं चलता। मानव शक्ति की भी आवश्यकता होती है। अच्छे नागरिकों का निर्माण करके ही कोई देश बुलंदियों को छूता है, जिसके लिए शिक्षा मनुष्य के निर्माण का आधार बनती है। वर्षों से देश अंग्रेजी शिक्षा के ढर्रे पर चल रहा था। नई शिक्षा नीति बनाने पर विचार भी चलता रहा था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे राष्ट्रीय नीति की संज्ञा देते हुए लगभग 2 लाख लोगों से इनपुट लेने के बाद नई शिक्षा नीति बनवाई और लाॅन्च की। वैसे तो इस नीति को लागू करने के लिए 10 वर्ष का समय रखा गया था लेकिन हरियाणा सरकार ने विशेषज्ञों की टीम से सलाह करके इस नीति को वर्ष 2025 तक पूरी तरह से लागू करने का निर्णय लिया है।
इससे पहले कुवि कुलपति सोमनाथ सचदेवा ने विश्वविद्यालय द्वारा अपनाई पूर्ण राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में बताया। मुख्यमंत्री ने आईआईएचएस संस्थान के नये भवन का उद्घाटन किया और यहां लगी प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस अवसर पर सांसद नायब सिंह सैनी तथा जिलाध्यक्ष राजकुमार सैनी भी मंच पर उपस्थित थे।
शैक्षणिक संस्थानों में सभी पाठ्यक्रम हिंदी में पढ़ाए जाएं …
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्थानीय भाषा को पाठ्यक्रमों की भाषा बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हरियाणा की भाषा हिन्दी है, इसलिए शैक्षणिक संस्थानों में सभी पाठ्यक्रमों को पढ़ाया जाना चाहिए। उनके पास बैठे कुलपति सोमनाथ सचदेवा ने जब उन्हें बताया कि उन्होंने विधि विभाग सहित अन्य कई विभागों में हिन्दी में पढ़ाया जाना लागू कर दिया है तो मुख्यमंत्री ने उनकी प्रशंसा करते हुए कहा कि औरों को भी इसे अपनाना चाहिए। इतिहास को सही ढंग से प्रेषित करने की बात कहते हुए उन्होंने भारतीय साहित्य को सबसे पुराना साहित्य बताया। कहा कि अंग्रेजों ने जिस इतिहास को तोड़ा-मरोड़ा है, उसे अब ठीक करना है। विभाजन विभीषिका के भुगत भोगियों को भी इतिहास में शामिल किया जाएगा। राष्ट्रीय विचारधारा पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों को शोध पर भी बल देना चाहिए। जितना शोध होना चाहिए था उतना नहीं हो रहा है। उन्होंने ब्रेन-ड्रेन पर चिंता जताई। सीएम ने बताया कि वे भी कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में कुलपति के साथ जापानी भाषा के विद्यार्थी हैं।