तरुण जैन/निस
रेवाड़ी, 30 दिसंबर
मतदाता द्वारा पहली बार सीधे चुने गए नगर परिषद चेयरमैन के पद पर कड़े मुकाबले में भाजपा प्रत्याशी ने 2087 वोटों के अंतर से बाजी मारी है। नगर परिषद में कमल खिलने से भाजपाइयों के चेहरों पर रौनक है। भाजपा ने चेयरमैन पद के लिए पूर्व पार्षद पूनम यादव को मैदान में उतारा था। माना जा रहा था कि उनकी मुख्य टक्कर कांग्रेस प्रत्याशी व पूर्व मंत्री कै. अजय सिंह यादव की पुत्रवधु श्रीमती विक्रम यादव से थी लेकिन भाजपा से बागी हुए जिला परिषद के पूर्व चेयरमैन सतीश यादव की पत्नी उपमा यादव ने निर्दलीय के तौर पर कड़ी टक्कर दी और दूसरे नंबर पर रही। कांग्रेस तीसरे नंबर पर खिसक गई। विजय जुलूस में पूनम यादव को फूलमालाओं से लाद दिया गया। जुलूस में नगर परिषद के चुनाव प्रभारी व पूर्व मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा, बलजीत यादव, दीपक मंगला आदि शामिल थे।
नगर परिषद चेयरमैन का पद शुरू से ही पार्टी प्रत्याशियों व निर्दलीयों के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बना हुआ था। भाजपा प्रत्याशी के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल, प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़, केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह, सांसद नायब सिंह सैनी प्रचार में आए थे, वहीं कांग्रेस के लिए पूर्व सीएम हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कु. सैलजा ने सभाएं की थी।
सेक्टर-18 स्थित राजकीय महिला महाविद्यालय में बुधवार को मतगणना हुई। सुबह से ही भाजपा की पूनम यादव कड़े मुकाबले में बढ़ते बनाए हुए थी। पूनम को पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह का वरद्हस्त प्राप्त था। रेवाड़ी शहर में कुल 107413 वोटों में से 74268 मत गिरे थे। इनमें से पूनम यादव 25965, उपमा यादव को 23878, विक्रम यादव को 15271, बीएसपी प्रत्याशी मंजू कुमारी को 4114, निर्दलीय निर्मला राव को 3262, ज्योति रानी को 1086 वोट मिले। वहीं 700 वोट नोटा पर पड़े।

सोनीपत के पहले मेयर बने कांग्रेस के निखिल मदान, भाजपा के ललित बत्रा को दी पटकनी, समर्थकों ने निकाला विजय जुलूस
पुरुषोत्तम शर्मा/हप्र
सोनीपत, 30 दिसंबर
2015 में अस्तित्व में आए सोनीपत नगर निगम के पहले चुनाव में कांग्रेस के युवा नेता निखिल मदान ने बाजी मार ली। उन्होंने भाजपा के मंझे हुए नेता ललित बत्रा को 13817 मतों से पटकनी दी। निखिल मदान को 72118 वोट मिले जबकि ललित को 58301 वोटों से संतोष करना पड़ा।
चुनाव में भाजपा को छोड़कर कोई भी प्रत्याशी अपनी जमानत नहीं बचा पाया। तीसरे नम्बर पर रहे बसपा के धर्मबीर सरोहा को मात्र 4375 वोटों ही मिले। इसके अलावा निर्दलीय प्रत्याशी संदीप राणा 3004 वोटों के साथ चौथे स्थान पर रहे। मेयर पद के 10 प्रत्याशियों में से 8 प्रत्याशी अपनी जमानत नहीं बचा पाए। यहां तक कि नोटा को मिले वोट भी 4 प्रत्याशियों से ज्यादा रहे।
चुनाव में सोनीपत में भाजपा को जरूर कुछ संजीवनी मिली है। भाजपा ने यहां के 20 वार्डों में से 10 वार्डों में कमल खिलाने में कामयाबी पाई है। इसके अलावा 9 सीटों पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया है। एक वार्ड निर्दलीय के खाते में गया है। सोनीपत नगर निगम के गठन के 5 साल बाद पहली बार 27 दिसंबर को मतदान हुआ था। इसमें पहले राउंड से ही कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला रहा।
पहले 3 राउंड में भाजपा कुछ आगे दिखी, लेकिन तीसरे राउंड के बाद लगातार कांग्रेस की लीड ज्यादा होती गई और सभी 18 राउंड पूरे होने पर कांग्रेस प्रत्याशी निखिल मदान को 13817 मतों से जीत मिली। निखिल को निगम आयुक्त जगदीश शर्मा ने जीत का प्रमाण पत्र भेंट किया।

जजपा-भाजपा पर भारी पड़ा निर्दलीय
रेवाड़ी (निस) : धारूहेड़ा नगर पालिका के चेयरमैन पद के लिए कड़े संघर्ष में निर्दलीय खड़े पूर्व सरपंच कंवर सिंह ने 632 वोटों के अंतर जीत दर्ज की। हैरत की बात यह है कि जिस जजपा-भाजपा संयुक्त प्रत्याशी को सभी आकलनों में सबसे आगे माना जा रहा था, वह लड़ाई में छठे स्थान पर पहुंच गया। कंवर सिंह यादव को भाजपा युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष पद से त्यागपत्र देकर निर्दलीय के तौर पर मैदान पर उतरे संदीप बोहरा ने टक्कर दी और दूसरे स्थान पर रहे। कुल 22018 मतों में से 16293 वोट पड़े। कंवर सिंह को 3048 व संदीप बोहरा को 2416 मत मिले। तीसरे स्थान पर रहे बाबूलाल को 2280, कुमारी राज को 2160, खेमचंद को 2061, जजपा प्रत्यशी राव मानसिंह को 1657, राव शिवदीप को 1536, दिनेश राव को 793, सूदासन को 100, महेश चंद को 83 वोट प्राप्त हुए। 116 वोट नोटा पर पड़े।
विजयी कंवर सिंह की मिलनसारिता उनकी जीत का कारण बताया जा रहा है। वे धारूहेड़ा के पूर्व सरपंच रह चुके हैं और लोगों के दुख-सुख में दिखाई देते रहे हैं। यही कारण है कि धारूहेड़ा में समर्थन जुटाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल के आने के बाद भी जजपा प्रत्याशी राव मान सिंह को भारी हार का सामना करना पड़ा। जजपा प्रत्याशी के हार का एक कारण यह भी बताया जा रहा है कि उनके चचेरे भाई राव शिवदीप सिंह भी उनके सामने निर्दलीय के तौर पर खड़े थे। परिवार की फूट का लाभ कंवर सिंह को मिला।

20 में से 10 वार्डों पर जीती भाजपा
सोनीपत (हप्र) : निगर निगम सोनीपत के पहले आम चुनावों में 20 वार्ड में से 10 पर भाजपा ने कब्जा जमाया। हालांकि वह मेयर का चुनाव हार गई जबकि 9 वार्ड में कांग्रेस उम्मीदवारों की जीत मिली और शहर के वार्ड 5 से इकलौते निर्दलीय उम्मीदवार मुकेश सैनी ने जीत दर्ज की।
शहर के वार्ड एक में भाजपा के हरिप्रकाश सैनी ने कांग्रेस के मनीष सैनी को 75 वोट से हराया। वार्ड 2 में कांग्रेस के सुरेंद्र नैय्यर ने भाजपा के रविंद्र दिलावर को 390 वोट से शिकस्त दी। जबकि यहां 101 लोगों ने नोटा को चुना। वार्ड तीन से भाजपा के सुरेंद्र मदान ने कांग्रेस के हरेंद्र कुमार को 1627 मतो के बड़े अंतर से हराया। यहां 73 लोगों ने नोटा को चुना। वार्ड चार से भाजपा की बबीता कौशिक ने कांग्रेस की दीपिका गर्ग को 598 वोट से शिकस्त दी है। यहां नोटा का 99 मतदाताओं ने प्रयोग किया। वार्ड पांच से एकमात्र निर्दलीय उम्मीदवार मुकेश सैनी ने कांग्रेस के दलेल सिंह को 128 वोट से हराया। मुकेश सैनी पहले कांग्रेस से टिकट की मांग कर रहे थे। यहां 42 लोगों ने नोटा चुना।
वार्ड 6 कांग्रेस की रेणू सैनी ने 410 मतों के अंतर से आजाद प्रतयाशी पुष्पा आनंद को कराया। यहां 56 लोगों ने नोटा चुना। वार्ड सात से भाजपा के मुनीराम ने आजाद उम्मीदवार बिजेंद्र को 88 मतों से हराया। यहां 22 ने नोटा चुना। वार्ड आठ से भाजपा के पुनीत त्यागी ने निर्दलीय कविता को 432 वोट से हराया। कांग्रेस के उम्मीदवार प्रीतम कौशिक तीसरे नंबर पर रहे,तीन लोगों ने नोटा को चुना। वार्ड नौ से कांग्रेस के राजीव सरोहा ने भाजपा की सुनैना भारद्वाज को 1099 मतों से हराया। यहां 47 मत नोटा को मिले।
वार्ड 10 से भाजपा की ममता लूथरा ने कांग्रेस की राखी गोस्वामी को 1107 मतों से हराया। नोटा को यहां 142 वोट मिले। वार्ड 11 से भाजपा की इंदू वलेचा ने कांग्रेस की मंजू शर्मा को 1893 मतों से हराया। यहां 99 वोट नोटा पर पड़े। वार्ड 12 से भाजपा के लक्ष्मी नारायण तनेजा ने कांग्रेस के संजय चौधरी को 1712 मतों से हराया और नोटा पर यहां 110 वोट पड़े। वार्ड 13 से भाजपा की संगीता ने आजाद उम्मीदवारर मंजू को 22 वोट के अंतर से हराया। यहां नोटा पर 60 मत पड़े। वार्ड 14 से कांग्रेस के सूर्य दहिया ने भाजपा के संजय ठेकेदार को 292 वोट के अंतर से हराया। यहां नोटा पर 50 वोट पड़े।
वार्ड 15 से भाजपा के अतुल जैन ने कांग्रेस के अनिल गुप्ता को 286 मतों से कराया और नोटा पर 44 वोट पड़े। वार्ड 16 से कांग्रेस की एडवोकेट मोनिका ने भाजपा की सीमा देवी को 500 मतों से हराया और नोटा पर 54 वोट पड़े। वार्ड 17 से कांग्रेस के नवीन ने आजाद उम्मीदवार सुरेंद्र कुमार को 157 मतों से हराया। यहां नोटा पर 56 वोट पड़े। वार्ड 18 से कांग्रेस के मंजीत ने आजाद उम्मीदवार रतनलाल को 1023 मतों से पराजित किया। यहां नोटा पर 40 वोट पड़े। वार्ड 19 से कांग्रेस के बिजेंद्र मलिक नेक जजपा के जयपाल को सर्वाधिक 2228 मतों से हराया। यहां नोटा पर 42 वोट पड़े। वार्ड 20 में कांग्रेस की नीतू दहिया ने भाजपा की किरण बाला को 1787 मतों से पराजित किया। नोटा पर यहां 65 वोट पड़े। खास बात यह है कि जजपा ने पांच सीटों पर चुनाव लड़ा था और एक सीट को छोड़कर कहीं भी वह दूसरे नंबर पर भी नहीं रही।
जनता के विश्वास की हुई जीत : दीपेंद्र
कांग्रेस उम्मीदवार के समर्थन में विजय जुलूस निकाला गया। इसमें कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा पहुंचे और मेयर, पार्षदों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की जीत जनता के विश्वास की जीत है। भाजपा से हर वर्ग दुखी हो चुका है। शहर से लेकर गांवों तक लोग फिर से कांग्रेस के राज को याद करने लगे हैं। भाजपा को अपनी जनविरोधी नीतियों का खामियाजा सोनीपत में पहले बरोदा चुनाव में और अब निगम चुनाव में भुगतना पड़ा है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने विकास किया होता तो दो माह के भीतर सोनीपत में दो बार करारी हार का मुंह नहीं देखना पड़ता। जनता अब भाजपा को पूरी तरह से नकार चुकी है।