कुरुक्षेत्र, 22 सितंबर (हप्र)
राज्यपाल एवं कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जात-पात और छुआछूत को भूलकर 140 करोड़ लोगों को एकसूत्र में बंधना होगा। जब देश का एक-एक नागरिक डॉ. भीमराव अम्बेडकर के दिखाए मार्ग पर चलेगा तो निश्चित ही आत्मविश्वास की भावना पैदा होगी। जब मानव में आत्मविश्वास पैदा होगा तो निश्चित ही मानव आत्मनिर्भरता की तरफ आगे बढ़ेगा। राज्यपाल शुक्रवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के डॉ. भीमराव अम्बेडकर अध्ययन केन्द्र तथा इंडियन कौंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च के सहयोग से डॉ. बीआर अम्बेडकर विजन फॉर सेल्फ रिलायंट इंडिया ऑफ 21 सेंचुरी विषय पर आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के समापन अवसर पर बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। इससे पहले राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, स्वामी ज्ञानानंद, कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा, कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा, डॉ. ऋषि गोयल, मुख्य वक्ता श्रीलंका से कलिंगा तूडोर सिल्वा, निदेशक प्रो. गोपाल प्रसाद व सहायक निदेशक डॉ. प्रीतम सिंह ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान विश्वविद्यालय की तरफ से सभी मेहमानों को स्मृति चिन्ह भेंट किया।
राज्यपाल ने कहा कि देश की भावी पीढ़ी को अपने जहन में आत्मविश्वास पैदा करने के लिए डॉ. भीमराव अम्बेडकर के जीवन पर लिखी पुस्तकों का अध्ययन करना चाहिए। सभी को सामाजिक समरसता, सामाजिक न्याय और आर्थिक समानता जैसे विषयों पर भी मंथन करने की जरूरत है।
इस मौके पर विशिष्ट अतिथि स्वामी ज्ञानानंद ने भी डॉ. भीमराव अम्बेडकर के जीवन पर प्रकाश डाला। सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. सोमनाथ ने मेहमानों का स्वागत किया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि निदेशक, एसआईएएसटीई, हरियाणा डॉ. ऋषि गोयल, मुख्य वक्ता प्रोफेसर एमिरेट्स ऑफ सोशियोलॉजी, यूनिवर्सिटी ऑफ पैराडेनिया, श्रीलंका कलिंगा तूडोर सिल्वा ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
महिलाओं के लिए आगे आने का अवसर
राज्यपाल ने संसद में नारी शक्ति वंदन को सम्मान देने के लिए महिलाओं के लिए पारित किए गए 33 प्रतिशत आरक्षण की देने की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह एक अच्छा विजन है। इससे महिलाओं को आगे आने का अवसर मिलेगा और महिलाएं भी आत्मनिर्भर बनने की तरफ अग्रसर होंगी।