अम्बाला शहर, 21 जनवरी (हप्र)
केन्द्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया ने देश में राज्यों के मध्य जल बंटवारे से उत्पन्न विवादों को लेकर चिन्ता व्यक्त करते हुए बताया कि देश में जल संसाधनों के समग्र प्रबंधन के लिए अंतर्राज्यीय नदी जल विवाद (आईएसडब्लयूआरडी) संशोधन विधेयक और डैम सेफ्टी बिल का पारित होना बहुत आवश्यक है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) और बांध पुनर्वास और सुधार परियोजना (डीआरआईपी) तथा अन्य महत्वपूर्ण विषयों की प्रगति के विषय में केन्द्रीय जल आयोग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के बाद कटारिया ने बताया कि राष्ट्रव्यापी नदी बेसिन संगठनों के गठन के पश्चात इस समस्या का समाधान शीघ्र करने में सहायता मिलेगी। इसके अतिरिक्त देश में बेहतर जल प्रबंधन के लिए भी नदी बेसिन संगठनों की अहम भूमिका होगी। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि आईएसडब्लयूआरडी संशोधन विधेयक संसद के अगले सत्र में पेश किया जाना प्रस्तावित है। इसके पारित होने के साथ पानी के विवादों को और अधिक तेजी से हल किया जाएगा।
कटारिया ने बताया कि पिछले एक साल में केन्द्रीय जल आयोग द्वारा 79 नए बाढ़ पूर्वानुमान स्टेशनों को चालू किया गया है। इसके परिणामस्वरूप वर्ष 2020 में 198 नदी घाटियों में स्थापित 328 स्टेशनों से 11,721 पूर्वानुमान जारी किए गए थे।
सरस्वती : प्रस्तावित बांध स्थल की मिट्टी जांच जारी
बैठक के दौरान यमुनानगर के आदिबद्री में सरस्वती नदी के उद्गम स्थल पर प्रस्तावित बांध के विषय पर अधिकारियों ने बताया कि नई दिल्ली स्थित केन्द्रीय मृदा और सामग्री अनुसंधान स्टेशन में प्रस्तावित बांध स्थल की मिट्टी तथा चट्टानों की जांच जारी है जिसकी रिपोर्ट आने के बाद तीन महीने में केन्द्रीय जल आयोग बांध की ड्राइंग और डिजाईन को जांच कर सरस्वती हैरिटेज बोर्ड तथा हरियाणा सरकार को आगे की कार्रवाई के लिए भेज देगा।