चंडीगढ़, 25 अप्रैल (ट्रिन्यू)
एचएसवीपी के गुरुग्राम के सेक्टर में प्लाॅट की अदला-बदली के ‘खेल’ में 2 आईएएस सहित 5 अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश ठंडे बस्ते में डाली हुई है। स्टेट विजिलेंस ब्यूरो की जांच रिपोर्ट आए एक साल से अधिक का समय हो चुका है, लेकिन सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया। आरोप है कि इन अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके एक सेक्टर में अलॉट प्लॉट की जगह दूसरे बेशकीमती सेक्टर में प्लॉट अलॉट करवाया गया, जिससे सरकार को 88.64 लाख की चपत लगी।
स्टेट विजिलेंस ब्यूरो के आईजी सुभाष यादव ने पिछले साल 20 अप्रैल को जांच पूरी करके रिपोर्ट ब्यूरो के डीजी (महानिदेशक) को सौंप दी थी। उन्होंने 2 आईएएस, एक एचसीएस, एक जिला न्यायवादी व एक एस्टेट ऑफिसर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश सरकार को की है। बताते हैं कि अधिकारियों के नाम होने की वजह से सरकार ने रिपोर्ट को लटका दिया। आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने आरोप लगाया है कि सरकार भ्रष्टाचार के मामलों को भी दबा रही है। भ्रष्टाचार के इस मामले में विजिलेंस ब्यूरो की रिपोर्ट के आधार पर दोषी अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज करके कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए थी। यहां बता दें कि प्लॉट बदलने की वजह से एचएसवीपी को 88 लाख 64 हजार रुपये का चूना लगा है। वहीं अलॉटी को अगर मार्केट वेल्यू के हिसाब से देखें तो करोड़ों रुपये का सीधा लाभ पहुंचा है।
ऐसे हुआ फर्जीवाड़ा
9 जून, 1985 को ड्रा में शकुंतला देवी के नाम पर सेक्टर-21 में 14 मरले का प्लाॅट निकला था। प्लॉट पर कानूनी अड़चन आई तो एचएसवीपी ने प्लॉट के बदले अलॉटी को गुरुग्राम के सेक्टर-5 में 286 वर्गमीटर प्लाॅट नंबर-902 अलॉट कर दिया। दिसंबर 2000 में शकुंतला को प्लॉट का कब्जा मिला। शकुंतला ने यह प्लॉट सुरेंद्र सैनी को बेच दिया। मौखिक तौर पर बेचे गए इस प्लाट के सभी कागज सुरेंद्र सैनी को दे दिए गए। आरोप है कि सुरेंद्र ने शकुंतला के फर्जी हस्ताक्षर करके एचएसवीपी गुरुग्राम प्रशासक को लिखित में आवेदन करके प्लॉट बदलने की मांग की। वकालतनामा पर फर्जी हस्ताक्षर करके गुरुग्राम उपभोक्ता कोर्ट में भी केस दायर करवाया। उपभोक्ता कोर्ट ने सेक्टर-43 में 14 मरले का एक प्लॉट आरक्षित रखने का फैसला सुनाया, लेकिन राज्य उपभोक्ता कोर्ट ने फैसले को रद्द कर दिया। 16 नवंबर, 2018 को शकुंतला के नाम से फर्जी पुनर्विचार याचिका एचएसवीपी गुरुग्राम के प्रशासक व टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के प्रधान सचिव के पास लगाई गई। 11 जून, 2019 को अलॉटी के नाम से एचएसवीपी के मुख्य प्रशासक (सीए) के अंतर्गत डिपार्टमेंटल लिटिगेशन कमेटी को एक प्रतिवेदन दिया गया। तत्कालीन मुख्य प्रशासक डी़ सुरेश, प्रशासक पंचकूला गिरीश अरोड़ा, जिला न्यायवादी अनिल अग्रवाल की तीन सदस्यीय कमेटी ने 20 जून, 2019 को अलॉटी शकुंतला देवी के हक में निर्णय किया। तत्कालीन संपदा अधिकारी मुकेश सोलंकी ने उसे सेक्टर-5 में आवंटित प्लाट 917 के बदले सेक्टर-27 में प्लाट 535 अलॉट करने के आदेश दिए। सेक्टर-5 के प्लाट 917 की तत्कालीन कीमत 65000 हजार रुपये प्रति वर्गमीटर यानी एक करोड़ 85 लाख 86 हजार 503 रुपये बनती थी। इसके बदले, सेक्टर-27 में अलॉट 535 नंबर प्लॉट की कीमत 96 हजार रुपये प्रति वर्गमीटर के हिसाब से 2 करोड़ 74 लाख 50 हजार 850 रुपये बनती थी। विजिलसें ने रिपोर्ट में कहा कि इससे सरकार को 88 लाख 64 हजार 332 की हानि हुई है।